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कुण्डलिया
कितना बड़ा मज़ाक है, सोचो! करो विचार
फ्लाई ओवर पर उगी, रातों रात मजार
रातों रात मजार, मजे में हिन्दू सोया
सत्ता, मद में चूर, नशे में सिस्टम खोया
कह डीपी कविराय, न ख़ुद में खोना इतना
मुट्ठी भर तो बचे, और सिमटोगे कितना
डीपी सिंह
कितना बड़ा मज़ाक है, सोचो! करो विचार
फ्लाई ओवर पर उगी, रातों रात मजार
रातों रात मजार, मजे में हिन्दू सोया
सत्ता, मद में चूर, नशे में सिस्टम खोया
कह डीपी कविराय, न ख़ुद में खोना इतना
मुट्ठी भर तो बचे, और सिमटोगे कितना
डीपी सिंह