शास्त्रीय गायक सुमन मुखर्जी को मिला पैरागुआ के भारतीय दूतावास से गाने की प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार

कोलकाता । कोलकाता के प्रसिद्ध शास्त्रीय युवा गायक सुमन मुखर्जी को आजादी के अमृत महोत्सव पर पैरागुआ के भारतीय दूतावास से गाने की प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार मिला है। इन्हें बचपन से ही संगीत के प्रति रुचि थी अतः इन्होंने बचपन से ही संगीत की औपचारिक शिक्षा प्राप्त की। सर्वप्रथम उन्होंने उत्पल राय उसके बाद मशहूर शास्त्रीय गायक पंडित पार्थसारथी देसीकन से संगीत सीखा और अभी पिछले सात सालों से प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक अनोल चटर्जी से शिक्षा ले रहे हैं।suman

सुमन मुखर्जी ने इससे पहले भी अनेकों राष्ट्रीय स्तर के प्रतियोगिता जैसे क्लासिकल वॉयस ऑफ़ इंडिया, महाराष्ट्र अंतरध्वनि, पुरवाई संस्कृति कला विकाश केंद्र इत्यादि अनेकों प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान हासिल किया है। सुमन मुखर्जी ने अनेकों सम्मानित और बड़े म्यूजिक कांफ्रेंस जैसे राष्ट्रीय संगीत सम्मेलन, 500 साल पुराना संगीत घराना डुमरांव ध्रुपद घराना ट्रेडिशन, लय ताल फाउंडेशन, ब्रह्मानंद आर्ट एंड सोल फाउंडेशन, आर्ट्स फ्रॉम इंडिया न्यूयॉर्क, संगीत कला केंद्र आगरा, स्वर साधना समिति महाराष्ट्र में अपना प्रदर्शन किया है। इन्हें अनेकों सम्मान जैसे – उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा प्रतिभा सम्मान, शैलश्री सम्मान, राजीव गांधी नेशनल अवॉर्ड, स्वामी विवेकानंद अवार्ड, नाद साधक उपाधि इत्यादि से नवाजा जा चुका है।

सुमन मुखर्जी ने न्यूज 18 बंगला, कोलकाता टीवी, हाई न्यूज बांग्ला, रुपोषी बांग्ला, कैलिफोर्निया टीवी अमेरिका इत्यादि अनेकों नामी टीवी चैनलों पर परफॉर्म किया हैं। उन्होंने अपने मास्टर्स की पढ़ाई शास्त्रीय संगीत में रवींद्र भारती यूनिवर्सिटी, कोलकाता से फर्स्ट क्लास फर्स्ट अंकों के साथ पूरी की है और पूरे यूनिवर्सिटी में उन्होंने सप्तम स्थान प्राप्त किया। देश भर के करीबन 80 समाचार पत्रों, विभिन्न न्यूज वेबसाइट से इनसे संबंधित समाचार प्रकाशित हुए हैं। उम्मीद है कि सुमन मुखर्जी का संगीत जीवन और भी उन्नति की ओर अग्रसर हो और सफलता की नित नई ऊंचाइयों को छुए।

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