बाजार की समय सारिणी में बदलाव जरूरी 

दीपक कुमार दासगुप्ता, समाजसेवी

कोरोना की दूसरी लहर के मद्देनजर लॉक डाउन से किसी को एतराज नहीं हो सकता लेकिन इस दौरान सीमित समय के  लिए खुलने वाले बाजार की समय सारिणी से समस्या जरूर हो रही है। शासन ने इसके लिए सुबह 7 बजे से 10 बजे तक का समय निर्धारित किया है। लिहाजा रोज सुबह के समय 8 से 9.30 बजे तक बाजारों में भारी भीड़ हो जाती है। इससे संक्रमण का खतरा और बढ़ गया है। सुबह 7 बजे का समय आज के दौर में बिल्कुल उचित नहीं कहा जा सकता है।व्यावहारिक तौर पर देखा जाता है कि परिवार के ज्यादातर बुजुर्ग सदस्य ही बाजारों में जाते हैं।

ऐसे में उन पर संक्रमण का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है। इस तरह से तो संक्रमण की चेन लंबी ही होती जाएगी। वैसे भी सुबह 7 से 8 बजे का समय बुजुर्गों के नाश्ते व दवा खाने का होता है। बाजार करने की हड़बड़ी में यदि कोई खाली पेट बाहर निकल जाए तो भी यह इस कोरोना काल में मुसीबत को बुलावा देने जैसा है। इसलिए शासन और सरकार से मेरी विनम्र प्रार्थना है कि लॉक डाउन में  बाजार के  खुलने का  समय सुबह 7 बजे  के बजाय 8 बजे निर्धारित किया जाए। बाजार सुबह 10 के बजाय दोपहर 12 बजे तक खुली रहे तो अव्यवस्था और भीड़ से बचा जा सकेगा।

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