कोलकाता। प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत घरों के आवंटन में अनियमितता के आरोपों की जांच कर रहे एक केंद्रीय दल ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के विभिन्न गांवों का दौरा किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के उप सचिव शक्ति कांत सिंह के नेतृत्व में टीम ने दिन में मालदा जिले के कालियाचक ब्लॉक-1 का दौरा किया। जिले के एक अधिकारी ने कहा, “टीम गांवों का दौरा कर रही है और क्षेत्र का निरीक्षण कर रही है। टीम के सदस्यों ने ग्रामीणों से बात की। जिला प्रशासन के अधिकारी उनके साथ हैं।”
अधिकारियों ने कहा कि शैलेश कुमार के नेतृत्व में पूर्वी मिदनापुर जिले में तैनात केंद्रीय दल का भी जिले के गांवों का दौरा करने का कार्यक्रम है। दोनों दल बृहस्पतिवार को यहां पहुंचे थे। इसे लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ‘दिल्ली’ पर “मामूली मामलों” की जांच के लिये अधिकारियों को भेजने और ‘मनरेगा’ के तहत राज्य को रकम देने से इनकार करने का आरोप लगाया।
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने शुक्रवार को कहा कि यह दौरा राज्य की छवि खराब करने का प्रयास है क्योंकि “राज्य सरकार पहले ही उन मामलों में कार्रवाई कर चुकी है जहां कोई गड़बड़ी हुई है। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने आरोपों को “निराधार” और “बदले की राजनीति” पर आधारित बताया । उन्होंने कहा, “टीएमसी अगर पीएमएवाई घोटाले में शामिल नहीं है तो फिर इतनी भयभीत क्यों है? घोटाला हुआ है, इसलिए केंद्र ने राज्य में टीमें भेजी हैं।”
मुख्यमंत्री बनर्जी ने केंद्रीय दलों के दौरे पर बृहस्पतिवार को प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “केंद्र छोटे-छोटे मसलों पर बंगाल में टीम भेज देता है- यहां कोई पटाखा फूटने की घटना हो जाए तो भी वह दल भेज देते हैं।” पीएमएवाई में अनियमितताओं के आरोपों और प्रत्यारोपों को लेकर पिछले कुछ समय से राज्य की राजनीति में गर्माहट बनी हुई है
क्योंकि यह पाया गया था कि कुछ जिलों में बहुमंजिला घरों वाले कई लोगों के भी आवेदन स्वीकृत किए गए थे। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने तीन जनवरी को पश्चिम बंगाल सरकार को प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत घरों के आवंटन में अनियमितता के आरोपों की जांच कर रहे एक केंद्रीय दल के दौरे की सूचना देते हुए एक पत्र भेजा था।