सुषमा गुप्ता की कविता “जब तुमसे प्यार किया था”
जब तुमसे प्यार किया था आज फिर देखकर तुम्हारे यादों की निशानी याद आये वो
मंत्री जी का कुत्ता बनाम हवलदार शेर सिंह, श्रीराम पुकार शर्मा का हास्य व्यंग्यात्मक नाटक
श्रीराम पुकार शर्मा, कोलकाता : (Source और force दोनों का ही आज समाज में महत्व
कृष्णा चटर्जी गुप्ता की कविता “काल का पंछी”
काल का पंछी काल का पंछी सर पर से उड़कर चला गया – समय नहीं
हिंदीभाषा डॉट कॉम परिवार की तरफ से ‘दीपावली’ विषय पर कराई गई राष्ट्रीय स्पर्धा के विजेता घोषित
इंदौर, मध्य प्रदेश : हिंदी भाषा डॉट कॉम परिवार के तरफ से ‘दीपावली’ विषय पर
शाफिया फरहिन की कविता “बिल्ली”
बिल्ली काश…! मैं तुम्हारी पालतू बिल्ली होती मसरूफियत भरी ज़िंदगी में मेरे लिए तुम वक़्त
डॉ. तेजस्विनी दीपक पाटील की कविता देहरी
देहरी उस देहरी के बाहर कदम रखा, और इस देहरी के अंदर आ गई। इन
डीपी सिंह की रचनाएं
हमारे धैर्य को ही वो हमारा डर समझ बैठे ज़रा दो बाल क्या निकले उसे
सरिता अंजनी सरस की कविता पेंडुलम के कंधे पर बैठा समय
पेंडुलम के कंधे पर बैठा समय पेंडुलम के कंधे पर इत्मीनान से बैठा वक्त झूलता
डीपी सिंह की रचनाएं
कॅरोना की सीख रूप, दौलत और शोहरत का नशा मत कीजिए त्रोण में शर, म्यान