प्रो. शर्मा को अंतरराष्ट्रीय प्रेमचंद आलोचना सम्मान अर्पित किया जाएगा

निप्र, उज्जैन : साहित्य के क्षेत्र में विशिष्ट अवदान के लिए प्रो. शर्मा को नार्वे

डीपी सिंह की रचनाएं

*मौसमी कुण्डलिया* मादा मच्छर का गणित, होय बहुत ही भिन्न। भिन्न भिन्न कर भिन्न विधि,

डॉ. कलाम ने आत्मनिर्भर राष्ट्र निर्माण में अविस्मरणीय भूमिका निभाई : डॉ. शैलेंद्र कुमार शर्मा

निप्र, उज्जैन। पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने सशक्त और आत्मनिर्भर राष्ट्र के निर्माण

राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना की अ.भा. आभासी बैठक संपन्न

संस्था के सदस्य अपने दायित्व को समझें – डॉ. शहाबुद्दीन शेख निप्र, उज्जैन : किसी

दुर्गेश वाजपेई की कविता : प्रभा

प्रभा वो दिख रहा है सूर्य कहीं प्रतिपल मेरी दृष्टि से वो डूब रहा है

डीपी सिंह की रचनाएं

दलदल के उस पार है, लाखों की सौगात ऊपर बैठी ताक में, गिद्धों की बारात

रामा श्रीनिवास ‘राज’ की गज़ल

जहाँ हैरतों का शहर कुछ नहीं, दिलों को वहाँ दर-बदर कुछ नहीं। चला हूँ खुदी

तिरंगा काव्य मंच का 16 वां मासिक ऑनलाइन कवि सम्मेलन एवं मुशायरा सम्पन्न

Kolkata Desk : तिरंगा काव्य मंच का 16 वां मासिक ऑनलाइन कवि सम्मेलन एवं मुशायरा

भारत भूमि में महत्त्व मिला है गुरु से जुड़े विद्या वंश को – प्रो. शर्मा

भारतीय सभ्यता और संस्कृति में गुरु महिमा : युगीन परिप्रेक्ष्य में पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न

डीपी सिंह की रचनाएं

अङ्ग-प्रदर्शन की मची, बालाओं में होड़ पर गिद्धों की आँत की, दिखती नहीं मरोड़ दिखती