समस्त सृष्टि में शिवाय की गूंज
प्रफुल्ल सिंह “बेचैन कलम” । चारो ओर घना अंधेरा है। रात ने जंगल को घेर
सीखने की ललक
प्रफुल्ल सिंह “बेचैन कलम” । उच्चकोटि की समझ पाने व इसे विकसित करने के लिए
प्रेम ज्योत से ज्योत मिलाय
प्रफुल्ल सिंह “बेचैन कलम”। प्रेम ऐसे धँसता है जैसे धँसती है साँझ की धूप पानी
सबक जो रूस और युक्रेन युद्ध से लेने चाहिये…
रूस :- रूस से हम ये सीख सकते हैं कि आज भी विश्व में कहीं
प्रेम ज्योत से ज्योत मिलाय _
।।प्रेम ज्योत से ज्योत मिलाय।। प्रफुल्ल सिंह “बेचैन कलम” प्रेम ऐसे धँसता है जैसे धँसती
सफलता के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण आवश्यक
डॉ. अखिल बंसल । आज ऐसा व्यक्ति शायद ही कोई हो जो सफल नहीं होना
कम घातक नहीं मानसिक रोग भी…!!
दीपक कुमार दासगुप्ता, खड़गपुर। हमारे देश में स्वास्थ्य अभी भी पूरी तरह से चुनावी मुद्दा
कहता है श्याम कुमार राई ‘सलुवावाला’ —
श्याम कुमार राई ‘सलुवावाला’, खड़गपुर । क्या हमारे माननीय नेताओं-मंत्रीगणों को देशहित में अपनी सुविधाएं
परंपरागत पर्वों से बढ़ती दूरियां, तो क्या औपचारिकताएं ही रह जाएंगी?
कुमार संकल्प, आजमगढ़ : मकर संक्रांति का त्योहार पूरे देश में उत्साह के साथ मनाया
पहचानना बड़ा मुश्किल, डॉ. लोक सेतिया
पहचानना बड़ा मुश्किल (इंसाफ और ज़ुल्म) डॉ. लोक सेतिया ये बड़े लोग हैं बड़ी शान