विनय सिंह बैस की कलम से… कारगिल दिवस

नई दिल्ली । बुढ़ापे में अपने नाती-पोतों को कहानी सुनाया करूंगा कि कारगिल युद्ध मैंने भी लड़ा था।
और
उस युद्ध के सबसे बड़े नायक परमवीर चक्र विजेता कैप्टन योगेंद्र सिंह यादव के साथ सेल्फी भी ली थी।
और बच्चों को यह बताना बिल्कुल नहीं भूलूंगा कि इस देश के असली हीरो वह हैं जो मां भारती की आन-बान-शान के लिए अपनी जान की बाजी लगा देते हैं।
वह नहीं जो पैसों के लिए खुद नंगे हो जाते हैं।
जय हिंद। जय भारत।

(विनय सिंह बैस)
एयर वेटरन

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