कलकत्ता हाईकोर्ट ने दुष्कर्म, हत्या मामले में मुआवजा देने में देरी पर तृणमूल सरकार की खिंचाई की

कोलकाता। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सरकार और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (एसएलएसए) को एक नाबालिग लड़की के परिवार के सदस्यों को मुआवजे के भुगतान में देरी को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव के गुस्से का सामना करना पड़ा। इस साल अप्रैल में नदिया जिले के हंसखाली में नाबालिग लड़की की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। इस मामले में एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए श्रीवास्तव ने कहा कि इस संबंध में अदालत के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद पीड़ित परिवार को आज तक न्यूनतम मुआवजा भी नहीं दिया गया है।

उन्होंने मामले में सुनवाई की तारीखों को स्थगित करने के लिए बार-बार अपील करने पर एसएलएसए की भी आलोचना की। श्रीवास्तव ने कहा, “हम उम्मीद करते थे कि एसएलएसए ऐसे मामलों में अधिक संवेदनशील होगा, मगर देख रहा हूं कि कुछ अपारदर्शी तर्को का सहारा लेकर मामले को दरकिनार करने का प्रयास किया जा रहा है। आम लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।

सरकार को लगाई फटकार

एसएलएसए इस तरह के मामले में किसी विशेष निर्देश के बिना अदालत में क्यों पेश होती है, यह मायने रखता है। इस तरह के दृष्टिकोण से प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकती। जब पीड़ित परिवार को मुआवजा देने के लिए एक निश्चित योजना है, तो प्रक्रिया में देरी क्यों हो रही है? एसएलएसए को मंगलवार तक अदालत को सूचित करना होगा कि वह क्या करने जा रही है और उसने अब तक क्या किया है। मुआवजा देने में अनिश्चित काल तक विलंबित नहीं किया जा सकता।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस साल 5 मई को अनिंद्य सुंदर दास की याचिका पर हंसखली में 14 वर्षीय लड़की के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। याचिका में मामले की अंतरिम जांच और पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपये का मुआवजा देने की मांग की गई थी।

क्या है पूरा मामला 

नाबालिग लड़की के साथ 4 अप्रैल को कथित रूप से सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। उसके परिवार के सदस्यों ने उसे अस्पताल ले जाने की कोशिश की थी, लेकिन मुख्य आरोपी का पिता, जो अब सीबीआई की हिरासत में है, ने कथित तौर पर उन्हें रोकने के लिए मजबूत रणनीति का इस्तेमाल किया था। अत्यधिक रक्तस्राव के कारण लड़की ने दम तोड़ दिया।

हाईकोर्ट ने 12 अप्रैल को सीबीआई को मामले की जांच करने का निर्देश दिया था। जांच एजेंसी ने तब से कई गिरफ्तारियां की हैं। गिरफ्तार किए गए लोगों में एक मुख्य आरोपी का पिता है, जो तृणमूल कांग्रेस का नेता है। उसके गुर्गे और अपराध में कथित रूप से शामिल उसके बेटे के दोस्तों को भी गिरफ्तार किया गया है।

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