कोलकाता। हाल ही में संपन्न पंचायत चुनावों के बीच पश्चिम बंगाल आए केंद्रीय सशस्त्र बल के जवान अतिरिक्त 10 दिनों के लिए राज्य में रहेंगे। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार को यह आदेश दिया है। राज्य में चुनाव के बाद की स्थिति की समीक्षा करने के बाद, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बलों के रहने की अवधि बढ़ाने की मांग की और कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ को भी सूचित किया।
प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए पीठ ने कहा कि आगे किसी भी हिंसा की स्थिति में अतिरिक्त कर्मियों को तैनात किया जा सकता है। बलों को शुरू में 21 जुलाई तक रहने के लिए निर्धारित किया गया था। भाजपा नेता और कलकत्ता उच्च न्यायालय की वकील, प्रियंका टिबरेवाल ने इस पर याचिका दायर की थी। टिबरेवाल ने कोर्ट को बताया कि दाखिल हलफनामे में 400 अतिरिक्त आरोप शामिल किए गए हैं।
उन्होंने अदालत में दो महिला भाजपा उम्मीदवारों को भी पेश किया जिन्हें चुनाव लड़ने के फैसले के कारण कथित तौर पर शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया था। राज्य के महाधिवक्ता एस.एन. मुखोपाध्याय ने कहा कि ये सभी शिकायतें दर्ज कर ली गई हैं और एफआईआर भी दर्ज कर ली गई है। मुख्य न्यायाधीश ने सभी संबंधित पक्षों को गुरुवार तक सभी अतिरिक्त हलफनामे दाखिल करने का निर्देश दिया है।