ठंड से बचने के लिए जलाई अंगीठियां बन रहीं लोगों की मौत का कारण

नई दिल्ली/ इन दिनों देश के अनेक भागों में कड़ाके की ठंड पड़ने से तापमान शून्य से भी नीचे चला गया है। ऐसे में ताप के लिए चंद लोग कमरों में अंगीठी जला कर सोने के कारण जहरीला धुआं चढऩे से मृत्यु का शिकार हो रहे हैं। कमरे में लकड़ी या कोयले की अंगीठी जला कर रखने से ऑक्सीजन की कमी हो जाती है और कार्बन मोनोआक्साइड सीधे दिमाग पर असर डालती है, जो सांस के जरिए पूरे शरीर में फैल जाती है।

इससे शरीर में हीमोग्लोबिन कम हो जाने से व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। इसी दिसम्बर माह में हुई ऐसी दर्दनाक मौतों के उदाहरण निम्र में दर्ज हैं : * 6 दिसम्बर को शामली (उत्तर प्रदेश) में एक मकान में अंगीठी जला कर सो रहे व्यक्ति के कपड़ों में किसी तरह आग लग जाने से उसकी बुरी तरह झुलस जाने के कारण जान चली गर्ई।

*10 दिसम्बर को लखनऊ (उत्तर प्रदेश) के ‘जियामाऊ’ में अपने कमरे में खिड़कियां बंद करके और अंगीठी जला कर सो रही एम.ए. की छात्रा श्रेया यादव की दम घुटने से मौत हो गई।

*10 दिसम्बर को ही पटना (बिहार) के पंडारक थाने के ‘पैठानी चक’ गांव में एक झोंपड़ी में जलाई अंगीठी की आग से झुलस कर एक लड़के और लड़की की जान चली गई।

* 18 दिसम्बर को अनंतनाग (जम्मू-कश्मीर) के ‘बीज बहेड़ा’ में रहने वाला एक नेपाली श्रमिक ठंड से बचने के लिए कमरे में जलाई आग के धुएं से दम घुटने के कारण जान गंवा बैठा।

*19 दिसम्बर को अरुणाचल प्रदेश में चीन की सीमा के निकट पोस्ट पर तैनात एक मेजर की हट में सोने के दौरान ठंड से बचने के लिए जलाई गई बुखारी (अंगीठी) में लगी आग से जल कर मौत हो गई।

* 21 दिसम्बर को हजारीबाग (झारखंड) के ‘रसूलीगंज’ गांव में अपने कमरे का दरवाजा और खिड़कियां बंद करके और अंगीठी जलाकर सो रहे 7 व्यक्तियों में से 4 की गैस से दम घुटने के परिणामस्वरूप मौत हो गई तथा 3 अन्य गंभीर रूप से झुलस गए।

* 21 दिसम्बर को ही श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) के ‘शालतांग’ क्षेत्र में एक कमरे में गैस हीटर चला कर सो रहे परवेज शेख नामक व्यक्ति की गैस लीक कर जाने से आग लगने के परिणामस्वरूप जान चली गई।

* 22 दिसम्बर को पूर्णिया (बिहार) में कमरे में जलाई हुई अंगीठी की चपेट में आने से एक महिला और उसकी बेटी गंभीर रूप से झुलस गई।

* 23 दिसम्बर को ‘खैरथल तिजारा’ (राजस्थान) में एक कमरे में हीटर के कारण रजाई को लगी आग के परिणामस्वरूप दीपक यादव और उसकी तीन महीने की बेटी की जिंदा जल जाने से मौत हो गर्ई जबकि उसकी पत्नी गंभीर रूप से झुलस गई।

* 24 दिसम्बर को जैतो (पंजाब) के अम्बेदकर नगर में कमरे में ठंड से बचने के लिए जलाई हुई अंगीठी की आग में झुलसने के परिणामस्वरूप एक महिला की मौत हो गई।

*  28 दिसम्बर को दक्षिण दिल्ली के फतेहपुर बेरी में एक कमरे में जल रही अंगीठी से आग लग जाने के कारण वहां सो रहे तथा बाऊंसर का काम करने वाले एक व्यक्ति की झुलस जाने से जान चली गई।

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उक्त सब घटनाओं का सबक यही है कि कमरे में अंगीठी नहीं जलानी चाहिए और यदि जलानी ही पड़े तो सोने से पहले उसे बुझा देना चाहिए ताकि धुआं पैदा न हो। इसके अलावा सोते समय खिड़की और रोशनदान भी कुछ खुले रखने चाहिएं। ये छोटी-छोटी परंतु महत्वपूर्ण सावधानियां अपना कर हम इस प्रकार की दुर्घटनाओं से बच सकते हैं। प्रशासन को भी चाहिए कि इस बारे लोगों को जागरूक करे, ताकि इस तरह की दर्दनाक और असामयिक मौतों के परिणामस्वरूप परिवार तबाह होने से बच सकें।

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