गोंडा। सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने विश्व कुश्ती संघ की ओर से डब्ल्यूएफआई (Wrestling Federation of India)की सदस्यता खत्म होने पर अपनी भड़ास निकाली। कहा कि इसके लिए धरनारत रहे तीन खिलाड़ी जिम्मेदार हैं। बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फौगाट के कारण पहली बार भारत को प्रतिबंधित किया गया। 8 महीने से कुश्ती की सभी ट्रेनिंग बंद हैं. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और कैसरगंज सीट से भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह प्रतिभा सम्मान समारोह में छात्र-छात्राओं, समाजसेवियों, किसानों, गोपालकों और तमाम विधाओं में बेहतर प्रदर्शन करने वाले लोगों को उन्होंने सम्मानित किया।
इस दौरान मीडिया से बातचीत में कहा कि WFI का चुनाव न हो पाने की वजह से सदस्यता खत्म की गई है। सरकार के आदेश पर मैंने अपने आप को कुश्ती से अलग कर लिया था। मैंने चार बार भारतीय कुश्ती संघ का चुनाव कराने का प्रयास किया लेकिन पहलवानों की जिद और फिर बाद में कोर्ट के स्थगन आदेश की वजह से चुनाव नहीं हो पाया। WFI के हम मतदाता थे। उससे भी अलग हुए। मैं और मेरा बेटा करण भूषण WFI के सदस्य थे, दोनों उससे अलग हो गए।
खिलाड़ियों की मांग और गृह मंत्रालय के निर्देश पर हम कुश्ती से अलग हुए। अध्यक्ष पद से भी मैंने खुद को अलग रखा। सांसद ने कहा कि 8 महीने से कुश्ती की सारी ट्रेनिंग बंद हैं। एशियाई गेम होने वाला है। कुश्ती का कोई कैंप नहीं हो रहा है. यह दुखद है। भारत का पहली बार एशियन गेम में प्रतिनिधित्व नहीं होगा। यह भी दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत पहली बार प्रतिबंधित किया गया है।
अब पहलवानों की यह मांग हो कि मैं भारत की नागरिकता छोड़ दूं तो यह तो संभव नहीं है। सांसद ने डब्ल्यूएफआई की सदस्यता खत्म होने के लिए धरनारत खिलाड़ियों को जिम्मेदार ठहराया। सांसद ने कहा कि इसके लिए तीन पहलवान बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फौगाट जिम्मेदार ठहराया हैं।