बिहार : जेपी के सिद्धांतों को जिंदा रखेंगे तभी युवा शक्ति प्राप्ति होगी – अमित शाह

छपरा । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जन्मस्थली सिताबदियारा में कहा कि जेपी के सिद्धांतों को जिंदा रखेंगे तभी युवा शक्ति प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि जेपी ने जिस कांग्रेस का विरोध किया उसकी गोदी में बैठने वालों नेताओं को आज यहां से बड़ा संदेश जाना चाहिए। जयप्रकाश नारायण की जयंती के मौके पर उनके गांव सिताबदियारा पहुंचे गृह मंत्री ने आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जेपी के आंदोलन से निकले कई लोग हैं, जिन्होंने जीवनभर जेपी और लोहिया का नाम लेकर राजनीति की, लेकिन आज वे कांग्रेस की गोदी में बैठे हैं।

उन्होंने बिना नीतीश कुमार का नाम लिए बिना कहा कि पांच-पांच बार पाला बदलने वाले आज कुर्सी के लिए उसी कांग्रेस से दोस्ती कर लिया है जिसका जेपी ने जीवन भर विरोध किया। उन्होंने कहा कि अब बिहार की जनता को तय करना होगा कि उनको भाजपा चाहिए या सत्ता के लिए साथ आने वाला गठजोड़ चाहिए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश की आजादी के बाद कांग्रेस की इमरजेंसी के लिए लड़ा। शाह ने कहा कि जयप्रकाश नारायण का सबसे बड़ा योगदान तब था जब उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ और सत्ता में नशे में धुत एक सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू किया, जिसने 70 के दशक में आपातकाल लगाया।

उन्होंने कहा कि इस क्रांति की शुरूआत जेपी ने गुजरात से की, इसके बाद वहां सत्ता परिवर्तन हुआ। इसके बाद वे बिहार पहुंचे और यहां सभी को एक किया। उन्होंने कहा कि उस दौरान सत्ता मद में चूर कांग्रेस ने इमरजेंसी लगा दी। इस आंदोलन के दौरान जेपी सहित कई नेताओं को जबरन जेल में डाल दिया गया। इसके बाद जेपी ने सभी विपक्षों को एकजुट किया और पहली बार देश में गैर कांग्रेसी सरकार बनाने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि यह परिवर्तन का उत्कृष्ट उदाहरण जेपी ने दिया। इस मौके पर शाह ने जेपी की एक प्रतिमा का भी अनावरण किया और उस पर पुष्पांजलि अर्पित की। उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी रहे।

शाह ने कहा कि देश में सरकारी भ्रष्टाचार और तानाशाही के खिलाफ जो मुहिम जेपी ने शुरू की थी, वह आज तक हम लोग जारी रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जो सरकार चल रही है वह जेपी के सिद्धांतों पर ही आगे बढ़ रही है। शाह ने अपने संबोधन की शुरूआत में भारत माता की जय के नारे से शुरू किया। लेकिन सामने बैठे लोगों ने जब वही नारा लगाया तो अमित शाह ने कहा ऐसी आवाज नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि इतनी जोर से नारा लगाइये कि जेपी के सिद्धांतों को छोड़कर कांग्रेस की गोद में बैठे लोगों के रगों में कंपकंपी आ जाए।

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