कोलकाता। पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) भर्ती घोटाले में संलिप्तता के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में लिए गये तृणमूल कांग्रेस के निलंबित नेता पार्थ चटर्जी ने शुक्रवार को दावा किया कि वह ‘साजिश के शिकार हुए हैं।’ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा कैबिनेट से बर्खास्त किए जाने और तृणमूल नेतृत्व द्वारा पार्टी के सभी पदों से हटाए जाने के एक दिन बाद चटर्जी ने कहा, “ मैं साजिश का शिकार हुआ हूं।” सरकारी सहायता प्राप्त प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों तथा गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती में कथित अनियमितताओं की जांच के अंत तक पार्टी ने उन्हें निलंबित भी किया है।
व्हीलचेयर पर शहर के दक्षिणी किनारे जोका में ईएसआई अस्पताल ले जाया जा रहे चटर्जी ने हालांकि अपने आरोप के बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया। बाद में अस्पताल से बाहर ले जाते समय उनसे पूछा गया कि किसने उनके खिलाफ साजिश रची थी। उन्होंने इसके उत्तर में केवल इतना कहा, “जो लोग साजिश कर रहे हैं, उन्हें पता चल जाएगा।” यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी ने उन्हें निलंबित करके सही काम किया है, चटर्जी ने कहा, “यह निर्णय निष्पक्ष जांच को प्रभावित कर सकता है। समय बताएगा।”
उन्होंने हालांकि कहा कि मुख्यमंत्री का उन्हें मंत्रालय से बर्खास्त करने का निर्णय ‘सही’ था।
ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी के छह दिन बाद और केंद्रीय एजेंसी द्वारा शहर के उत्तरी उपनगर बेलघरिया में मॉडल-अभिनेत्री अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट से कथित तौर पर लगभग 28 करोड़ रुपये और चार करोड़ रुपये का सोना बरामद किए जाने के कुछ घंटे बाद, तृणमूल कांग्रेस के शक्तिशाली नेता रहे पार्थ चटर्जी ने सरकार और पार्टी में अपने सभी पदों को खो दिया। पिछले शुक्रवार को ईडी ने दक्षिण कोलकाता के टॉलीगंज में अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट से 21.90 करोड़ रुपये, साथ ही बड़ी तादाद में गहने और विदेशी मुद्रा भी बरामद की थी।
एजेंसी ने मुखर्जी को चटर्जी का ‘करीबी सहयोगी’ बताया है। मुखर्जी के आवासों से नकदी की कुल बरामदगी अब बढ़कर करीब 50 करोड़ रुपये हो गई है। इस बीच, तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने चटर्जी के ‘साजिश का शिकार’ होने के दावे पर प्रश्नचिह्न लगाया। उन्होंने कहा,“अगर ऐसा है, तो वह एक हफ्ते बाद इसके बारे में क्यों बात कर रहे हैं? अगर वह वास्तव में एक साजिश का शिकार है, तो उसे अदालत में साबित करने दें।” ईडी कथित घोटाले के पैसे के लेनदेन की जांच कर रहा है। ईडी ने पहले ही मुखर्जी को इस संदेह में गिरफ्तार कर लिया है कि उनके फ्लैटों से पता चला पैसा एसएससी भर्ती घोटाले से प्राप्त ‘आय’ था।
जब स्कूल भर्तियों में कथित अनियमितताएं हुईं, तब चटर्जी राज्य के शिक्षा मंत्री (2014-2021) थे।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कई रिट याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए अप्रैल में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को समूह ‘सी’ और ‘डी’ कर्मचारियों, नौवीं और बारहवीं के सहायक शिक्षकों तथा प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों के भर्ती घोटाले की जांच करने का निर्देश दिया था। सीबीआई कथित घोटाले में शामिल आपराधिक मामलों की जहां जांच कर रही है, वहीं ईडी धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत मामलों की जांच कर रही है।