#Bengal : चुनाव बाद हिंसा मामले में हाई कोर्ट के CBI जांच के आदेश से TMC नाखुश, राज्य सरकार SC में दे सकती है चुनौती

Kolkata Desk : चुनाव बाद हिंसा मामले में हाई कोर्ट के CBI जांच के आदेश से खुश नहीं है TMC, ममता सरकार SC में दे सकती है चुनौती। उल्लेखनीय है कि ममता बनर्जी चुनाव के बाद हिंसा के आरोपों को लगातार खारिज करती रही हैं। उन्होंने कहा था कि भाजपा अभी भी जनादेश को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने मानवाधिकार आयोग की टीम में भाजपा के लोगों के शामिल होने का भी आरोप लगाया था।

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट के सीबीआई जांच के आदेश पर TMC नाखुश है। इस फैसले के खिलाफ ममता सरकार अगले 48 घंटे में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सकती है। उल्लेखनीय है कि ममता सरकार पहले ही मानवाधिकार आयोग की कमेटी द्वारा हाई कोर्ट को दी गई रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा था कि मानवाधिकार आयोग में भाजपा के लोग हैं। भाजपा जनादेश को नहीं मान रही है और हिंसा के झूठे आरोप लगा रही है।

बता दें कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने अस्वाभाविक मृत्यु, हत्या और रेप सहित अन्य अधिक महत्व के अपराध के मामलों की जांच सीबीआई से कराने और अपेक्षाकृत कम महत्वपूर्ण मामले की जांच के लिए 3 सदस्यीय सिट (SIT) का गठन निर्देश दिया है. हाईकोर्ट ने मानवाधिकार आयोग द्वारा गठित कमेटी की सिफारिशों को लगभग मान लिया है.

टीएमसी के सांसद सौगत रॉय ने हाईकोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मैं फैसले से नाखुश हूं. यदि हर कानून और व्यवस्था के मामले में, जो पूरी तरह से राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में है, सीबीआई इसमें आती है तो यह राज्य के अधिकार का उल्लंघन है. मुझे यकीन है कि राज्य सरकार स्थिति पर विचार करेगी और यदि आवश्यक हो तो उच्च न्यायालय में अपील करने का निर्णय लेगी. ”

बता दें कि राज्य की सीएम ममता बनर्जी लगातार चुनाव के बाद हिंसा के आरोप को खारिज करती रही हैं. उन्होंने कहा था कि भगवा पार्टी अभी भी जनादेश को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है. प्रदेश में कानून और व्यवस्था जब चुनाव आयोग के हाथ में थी, उस दौरान प्रदेश में हिंसा में 16 लोग मारे गए थे, उस समय कानून-व्यवस्था चुनाव आयोग के पास था लेकिन उनके हाथ में कानून व्यवस्था आने के बाद कोई हिंसा नहीं हुई है. ममता ने कहा था कि वे (बीजेपी) दरअसल जनादेश को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं.य मैं उनके आग्रह करती हूं कि वे जनादेश को स्वीकार करें. उन्होंने मानवाधिकार आयोग की टीम में भी बीजेपी के लोगों के शामिल होने का आरोप लगाया था.

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