कोलकाता। पश्चिम बंगाल में आगामी पंचायत चुनाव के लिए नामांकन के दौरान हिंसा की खबरों के बीच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के महानिदेशक दामोदर सारंगी ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट की समीक्षा करने के लिए सोमवार को राज्य में पहुंचेंगे। राज्य सरकार के सूत्रों ने कहा कि एनएचआरसी द्वारा इस संबंध में राज्य सचिवालय के साथ-साथ पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग को एक संदेश भेजा गया है।
पता चला है कि एनएचआरसी ने नामांकन चरण के दौरान शुक्रवार को मुर्शिदाबाद जिले के खारग्राम में एक कांग्रेस कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या करने और राज्य सरकार के एक कर्मचारी को भांगर में सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा कथित रूप से बुरी तरह पीटने की खबरों का स्वत: संज्ञान लिया है।
सारंगी हिंसा की घटनाओं के साथ-साथ इस संबंध में राज्य प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी एकत्र करते हुए मौके पर जाकर जांच करेंगे। इसके अलावा, मुर्शिदाबाद और बीरभूम जैसे कई जिलों से नामांकन को लेकर हिंसा की कई घटनाएं सामने आई हैं। इस बीच राज्य निर्वाचन आयोग ने हिंसा और झड़प की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए नामांकन केंद्रों के आसपास एक किलोमीटर के दायरे में धारा 144 लागू करने का फैसला किया है।
कलकत्ता उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश टी.एस. की खंडपीठ द्वारा सोमवार को एक महत्वपूर्ण सुनवाई निर्धारित की गई है। शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य ने ग्रामीण नागरिक निकाय चुनावों के लिए केंद्रीय सशस्त्र बलों की तैनाती के साथ-साथ नामांकन प्रक्रिया की अवधि के विस्तार के मुद्दों पर चर्चा की।
राज्य सरकार के कर्मचारियों के संयुक्त फोरम ने पहले ही राज्य चुनाव आयुक्त के कार्यालय को सूचित कर दिया है कि उनके सदस्य केंद्रीय सशस्त्र बल सुरक्षा कवर के बिना चुनाव संबंधी कर्तव्यों में भाग नहीं लेंगे। राज्य सरकार अब तक केंद्रीय सशस्त्र बलों की तैनाती की अनुमति देने के बजाय पड़ोसी राज्यों से पुलिसकर्मियों को लाने के पक्ष में है।