#Bengal :  दुर्गा पूजा के पहले हो सकता है उपचुनाव, EC ने सभी राजनीतिक दलों से मांगे सुझाव

Kolkata Desk : चुनाव आयोग ने राज्य की विभिन्न राजनीतिक दलों को पत्र लिख कर कोरोना के मद्देनजर राज्य में किस तरह से चुनाव कराए जाएं, इस बाबत 30 अगस्त के पहले तक सुझाव मांगा है। उम्मीद है कि दुर्गा पूजा के पहले हो सकते हैं बंगाल विधानसभा के बाकी बचे चुनाव व उपचुना। उल्लेखनीय है कि West Bengal की सात विधानसभा सीटों के लिए बाकी बचे चुनाव तथा उपचुनाव होने है और अगर सभी दलों की सहमति बनी तो दुर्गापूजा से पहले चुनाव हो सकते हैं।

चुनाव आयोग ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी है। इस बीच, चुनाव आयोग ने राज्य की विभिन्न राजनीतिक दलों को पत्र लिखा है और उस पत्र में विभिन्न राजनीतिक दलों से कोरोना के मद्देनजर किस तरह से चुनाव कराए जाएं, इस पर 30 अगस्त के पहले तक उनका सुझाव मांगा है।

चुनाव आयोग द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि चुनाव आयोग ने कई अधिसूचनाएं जारी की हैं। इसमें देश में कोविड-19 महामारी के दौरान आम चुनाव/उपचुनाव के दौरान प्रचार के लिए दिशा-निर्देश आयोग की वेबसाइट पर देखा जा सकता है। ज्ञातव्य है कि विभिन्न राज्यों में उपचुनाव और आम चुनाव होने हैं। 2021-22 में 5 राज्यों की विधानसभा चुनाव भी होने हैं।

आयोग द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि आयोग चाहता है कि उपर्युक्त दिशा-निर्देशों/निर्देशों/आदेशों पर सभी राजनीतिक दल अपने विचार दें। यह अनुरोध किया जाता है कि पार्टी के विचारों और सुझावों को 30 अगस्त 2021 तक EC को दें दें।

दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस भी जल्द से जल्द उपचुनाव चाहती है। इसे लेकर वह चुनाव आयोग को पत्र भी लिख चुकी है। इसकी सबसे बड़ी वजह है मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का उपचुनाव लड़ कर विधायक बनना। कोलकाता की भवानीपुर विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उपचुनाव लड़ेंगी। उनकी पार्टी TMC ने चुनाव लड़ने की तैयारी भी शुरू कर दी है।

उल्लेखनीय है कि ममता नंदीग्राम से चुनाव हार गई थीं, हालांकि उन्होंने तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, परंतु मुख्यमंत्री बने रहने के लिए छह महीने के अंदर उन्हें उपचुनाव जीतकर विधानसभा का सदस्य बनना जरूरी है।

चुनाव आयोग सूत्रों ने बताया कि एक नवंबर से पहले उपचुनाव कराए जा सकते हैं। कारण अक्टूबर में बंगाल में उत्सव का माहौल शुरु हो जाएगा। सितंबर के अंत में या अक्टूबर की शुरुआत में उपचुनाव कराये जा सकते हैं। इससे चुनाव आयोग को तैयारियों के लिए सितंबर तक का समय मिल जाएगा।

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