#Bengal : चुनाव बाद में हिंसा मामले में पीड़ितों के घर पहुंची CBI

  • SIT गठन नहीं होने पर ममता सरकार पर उठे सवाल

Kolkata Desk: बंगाल में विधानसभा चुनाव बाद हुई हिंसा के मामले में ममता सरकार घिरती जा रही है। कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक सीबीआई की टीम हिंसा प्रभावित जिलों का दौरा कर रही है, लेकिन ममता बनर्जी की सरकार ने अभी तक SIT का गठन नहीं किया है। आज सीबीआई की टीम उत्तर 24 परगना के जगद्दल में पीड़ितों से मुलाकात की। वहीं हाई कोर्ट के आदेशानुसार अभी तक ममता की सरकार ने SIT का गठन नहीं किया है। इसे लेकर याचिकाकर्ता फिर से अदालत में मामला दायर करने पर विचार कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने 18 अगस्त को जांच के लिए आदेश दिया था, जिसके बाद अलग-अलग मामलों में सीबीआई लगातार प्राथमिकी दर्ज कर रही है। अभी तक सीबीआई 28 मामले दर्ज कर चुकी है। शुक्रवार से बंगाल हिंसा पर जांच की कमान खुद संभाल ली है। आज सीबीआई की एक टीम जगद्दल में जाकर हिंसा पीड़ितों से पूछताछ की।

वहीं दूसरी ओर विधानसभा चुनाव बाद हिंसा के मामले में एक नया मोड़ आ गया है। जिलों में सीबीआई की टीम घूम रही है, लेकिन अभी तक ममता सरकार ने SIT का गठन नहीं किया है। इसे लेकर याचिकाकर्ताओं का एक वर्ग अब हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा। राज्य के पुलिसकर्मियों की एसआईटी अभी तक क्यों नहीं बनी? सरकार ने इस आशय की अधिसूचना क्यों जारी नहीं की? सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नाम को अंतिम रूप नहीं दिया जा रहा है, क्योंकि अधिसूचना जारी ही नहीं की गई है।

19 अगस्त के कोर्ट के फैसले को सरकार क्यों नहीं मान रही है? हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार SIT 6 सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट कैसे कोर्ट में जमा कर पाएगी? जज अपनी पहल पर अदालत की अवमानना ​​के नियम क्यों नहीं जारी करते? कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की अदालत में मंगलवार को इन विंदुओं को लेकर आवेदन की संभावना जताई जा रही है।

वहीं, सीबीआई की टीम आज उत्तर 24 परगना के जगद्दल के रुस्तम गुमटी इलाके में मृत बीजेपी कार्यकर्ता आकाश यादव के घर हत्या की जांच करने पहुंची। चुनाव का नतीजा आने के बाद बदमाशों ने उन्हें घर से बुलाकर गोली मार दी दी थी। आकाश यादव बीजेपी कार्यकर्ता थे। पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया था, लेकिन बाकी अन्य को गिरफ्तार नहीं किया गया है। ऐसे आरोप आकाश की मां और पत्नी ने पुलिस प्रशासन पर लगाए थे।

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