अपने अटल पे नाज करें,
“पुकार” गाजीपुरी
सूरज औ’ चॉद भी तो अपने अटल पे नाज करें,
थे ऐसी शख्सियत दुश्मन भी अटल के नाज करें।
न्योछावर कर दिये जीवन देश को खुद ही खुद से,
दोस्त तो नाज करें ही, अरि भी अटल पे नाज करें।
कहते थे व्यर्थ है सब कुछ देश भक्ति गर न रहें,
संकल्प के थे धनी वो, सब लोग उन पे नाज करें।
ऐसी परवाज देकर मालिक नवाजे थे उन्हें,
सब उनकी कीर्ति औ’ कृतियॉ देख उन पे नाज करें।
जिंदा रहते अटल ने इतिहास खुद गढ़ दी प्यारे,
जिंदा है आज भी कवि रुप में वतन पे नाज करें।
रस्ते में मौत को भी तो वो चुनौती दे डाले,
बाधा ना हो स्वतंत्रता में खुशी से नाज करें।
साधक थे स्वानुशासन , सत्प्रेरणा के खुद वे,
रखते थे देश को सर्वोपरि “पुकार” उन पे नाज करें।