विनय कुमार, कोलकाता। इस बार वर्ल्ड कप भारत ही जीतेगा, ऑस्ट्रेलिया भी कम नहीं है, दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान की टीम काफी संतुलित दिख रही है, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड को कम मत आंकना। भारत में खेले जा रहे 2023 वर्ल्ड कप के शुरू होने से पहले क्रिकेटप्रेमियों के बीच ये चर्चाएं आम थी। लेकिन वर्ल्ड कप शुरू होते ही एक के बाद एक उलटफेर कर अफगानिस्तान और नीदरलैंड क्रिकेट टीम ने सभी को हैरान कर दिया।
वर्ल्ड कप में अंडररेटेड टीम मानी जाने वाले अफगानिस्तान और नीदरलैंड ने अपने दमदार प्रदर्शन से सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है। 2019 विश्व कप में सभी मैच हारने वाली अगानिस्तान ने इस बार अब तक तीन उलटफेर किए हैं। वहीं, नीदरलैंड ने दो उलटफेर करते हुए अपने इरादे जाहिर कर दिये हैं।
सेमीफाइनल में पहुंचने की होड़ में अफगानिस्तान : पिछले मैच में श्रीलंका को हराकर अफगान टीम ने सेमीफाइनल में पहुंचने का दावा पेश कर दिया है। अगानिस्तान के इस धमाकेदार प्रदर्शन से 2003 विश्व कप की यादें ताजा हो गई। दरअसल, 2003 वर्ल्ड कप में छोटी टीम माने जानी वाली केन्या ने न्यूजीलैंड, इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका और पाकिस्तान जैसी बड़ी टीमों को पीछे छोड़ते हुए ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका और भारत के साथ सेमीफाइनल में पहुंची थी।
2023 वर्ल्ड कप में भी कुछ ऐसे ही हालात बनते दिख रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि ऑस्ट्रेलिया, भारत और दक्षिण अफ्रीका का सेमीफाइनल में पहुंचना तय है, लेकिन चौथी टीम कौन होगी, इसे लेकर तस्वीर साफ नहीं है। इस रेस में अफगानिस्तान, न्यूजीलैंड और पाकिस्तान शामिल हैं।
नीदरलैंड भी किसी से कम नहीं : फुटबॉल में दमखम दिखाने वाला नीदरलैंड अब क्रिकेट विश्वकप में बड़ी टीमों से लोहा ले रहा है। टूर्नामेंट के अपने पहले मैच में बांग्लादेश को हराया। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका जैसी बड़ी टीम को हराकर उलटफेर करने वाले नीदरलैंड ने यह बता दिया कि हम भी किसी से कम नहीं है। इस जीत ने नीदरलैंड के खिलाड़ियों में आत्मविश्वास भर दिया।
टूर्नामेंट में नीदरलैंड ने अबतक 6 मैच खेले है, जिसमें टीम को 2 में जीत मिली है। वह चार अंकों के साथ आठवें पायदान पर है। जबकि बांग्लादेश और डिफेंडिंग चैंपियन इंग्लैंड 9वें और 10वें पायदान पर काबिज है। बता दें कि इससे पहले डच टीम 1996, 2003, 2007 और 2011 वर्ल्ड कप में खेल चुकी है।
अंक बांटने वाली टीम अंक काटने लगी है : एक समय था जब विश्वकप की छोटी टीमों को अंक बटोरने का स्रोत माना जाता था। बड़ी टीमें अंक के साथ नेट रन रेट सुधारने के लिए छोटी टीमों को जरिया मानती थी लेकिन वक्त और हालात दोनों बदल गये हैं। अब वह दौर नहीं रहा। अंक बांटने वाली टीमें अब अंक काटने लगी है।
हम जिसे छोटी टीम मानते रहे वह उलटफेर कर बड़ी टीमों को टूर्नामेंट से बाहर का रास्ता दिखा रही है। अफनागिस्तान ने पाकिस्तान, श्रीलंका और इंग्लैंड को हराकर यह साबित भी कर दिया है। विश्वकप में इन तीनों टीमों का सफर लगभग खत्म हो गया है।