“आजादी का अमृत महोत्सव-महफिल ए आजादी रंगारंग कार्यक्रम ने समा बांधा”

निप्र, उज्जैन : राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने 15 अगस्त के सुनहरे अवसर पर काव्य गोष्ठी का आयोजन किया।कार्यक्रम का शुभारंभ रूली सिंह ने माॅ भारती की वंदना से किया। स्वागत भाषण पूर्णिमा कौशिक ने एवं प्रस्तावना संस्था के महासचिव डॉ. प्रभु चौधरी ने अपने शब्द सुमनों से किया। कार्यक्रम का शानदार सूत्रसंचालन लता जोशी ने किया। सुनीता चौहान ने “वतन को जगा कर वह सो गए”भावपूर्ण गीत सुनाया।

सुबोध मिश्र मुम्बई ने “मिट्टी का कर्ज चुकाऊंगा” कविता द्वारा सभी को मंत्रमुग्ध किया। गाजियाबाद की डॉ. रश्मि चौबे ने “तन समर्पित मन समर्पित” कविता गाकर समर्पण का भाव जागृत किया। कोलकाता से डॉ. सुनीता मंडल ने देशभक्ति गीत मेरा रंग दे बसंती चोला गाया। मुक्ता कौशिक ने मुक्त कंठ से “तिरंगा देश की शान है “कविता प्रस्तुत की। शिवा लोहारिया ने हर करम अपना करेंगे देश भक्ति गीत गाया।

रायपुर की पूर्णिमा कौशिक ने ए मेरे प्यारे वतन गीत गाया, दिल्ली की नीतू पांचाल ने “जन्म जिसने दिया उस पर जाॅ निसार हो”, गाकर सबकी वाह-वाही लूटी। प्रयागराज की उर्वशी उपाध्याय ने “सर्वधर्म समभाव” पर काव्य प्रस्तुति दी, कुमुद शर्मा ने शहीदों की पत्नी की व्यथा को बयां किया। जी.डी. अग्रवाल ने “मैं चली गगन की ओर, मुझे दिखे तिरंगे चहूॅ ओर” गाकर समाॅ बांध दिया। लता जोशी ने “तुंग ध्वज तुम लहरों -लहरो नीले नभ में फहरो-फहरो” गाकर सभी में उत्साह जागृत किया।

डॉ. बालासाहेब तोरस्कर ने “पराक्रमाची गाथा” देश भक्ति गीत मराठी में गाकर सभी में जोश भर दिया। रूली सिंह मुंबई ने “दीपावली पर क्यों ना आए पापा अबकी बार” गाकर सबकी आंखें नम कर दी। निर्मला सिन्हा ने “तिरंगा भारतीयों का स्वाभिमान है” देशभक्ति कविता गान किया। सुनीता गर्ग ने “बलिदान हुए जो सरहद पर” कविता की प्रस्तुति दी। डॉ. सुरेखा मंत्री ने “यह दिन है अभिनंदन की” कविता गाई।

डॉ. परवीन बाला ने पंजाबी में देशभक्ति गीत सुनाया। बच्चों के लिए शौर्य गाथा गीत गाया। उप महासचिव गरिमा गर्ग ने सभी को शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सुवर्णा जाधव ने “शहीदों ने लगाई जान की बाजी” कविता गान कर सभी को मंत्रमुग्ध किया। कार्यक्रम का समापन डॉ. जी.डी. अग्रवाल ने आभार व्यक्त कर किया।

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