अशोक वर्मा “हमदर्द” की कविता : मई दिवस

।।मई दिवस।।
अशोक वर्मा “हमदर्द”

आज मई दिवस है और मजदूर विवश है
क्योंकि उनके हक के लिए लड़ने वाले
मजदूरों के कुछ नेता, केवल भाषण सुनाते है
और पैसों के लिये मालिकों के आगे दुम हिलाते है,
मजदूरों के सामने इनकी हेकड़ी
और मालिक का जूता कुछ लोग दांत से उठाते हैं
आज मई दिवस है और मजदूर विवश है।

अशोक वर्मा “हमदर्द”, लेखक

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