कोलकाता। दुर्गा पूजा के दौरान असुर की जगह महात्मा गांधी की प्रतिमा स्थापित कर आलोचना झेलने वाली हिंदू महासभा की बंगाल इकाई ने एक और विवादित कदम उठाया है। संगठन की ओर से एक दिन पहले नाथूराम गोडसे की पुण्यतिथि पर गांधी विरोधी जनसभा का आयोजन कोलकाता में किया गया था। महानगर के रानूछाया मंच में आयोजित इस सभा से महात्मा गांधी की जगह नेताजी सुभाष चंद्र बोस को राष्ट्र नायक के तौर पर स्थापित करने की मांग की गई।
हालांकि इस बारे में सफाई देते हुए हिंदू महासभा के बंगाल चैप्टर के अध्यक्ष चंद्रचूड़ गोस्वामी ने कहा कि निश्चित तौर पर गांधी विरोधी सभा हुई है लेकिन यह सभा नाथूराम गोडसे के पक्ष में नहीं की गई। हम लोग गोडसे के पक्ष में नहीं हैं लेकिन महात्मा गांधी के भी पक्ष में नहीं हैं। जनसभा को पुलिस की अनुमति मिलने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पुलिस भी चाहती है कि सच सामने आए।
महात्मा गांधी इस देश के नायक नहीं बल्कि खलनायक थे और उन्हें राष्ट्रपिता कहना बंद किया जाना चाहिए। इसे लेकर तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि यहां लोकतांत्रिक राज है। उन्होंने जनसभा करने की अनुमति मांगी थी इसीलिए पुलिस ने अनुमति दी।
पुलिस को कैसे पता चलेगा कि जनसभा में क्या कुछ संबोधन होना है और गांधीजी की विरोधिता की जाएगी। दूसरी और माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि गांधी विरोधी जनसभा हो रही है। पुलिस उसकी अनुमति दे रही है। ममता सब कुछ करवा रही हैं।