कोलकाता। नोबेल पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कहा है कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने की कोशिश बेवकूफ़ी है। विश्व भारती स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए प्रोफ़ेसर सेन ने सवाल पूछा कि इससे किसे फ़ायदा होगा। उन्होंने कहा कि यह निश्चित रूप से हिंदू राष्ट्र के विचार से जुड़ा है। अंग्रेज़ी अख़बार द हिंदू ने इस खबर को प्रमुखता दी है।
प्रोफ़ेसर सेन ने कहा, “मैंने अखबारों में लिखा देखा कि समान नागरिक संहिता लागू करने में अब और देरी नहीं होनी चाहिए। ऐसी मूर्खतापूर्ण बातें आती कहां से हैं? हम हज़ारों सालों से यूसीसी के बग़ैर हैं और भविष्य में भी इसके बिना रह सकते हैं। हिंदू राष्ट्र ही केवल वो तरीक़ा नहीं हो सकता, जिससे राष्ट्र प्रगति करे और इन सवालों को व्यापक नज़रिए से देखना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “निश्चित रूप से हिंदू धर्म का इस्तेमाल या दुरुपयोग करने की कोशिश की जा रही है।” साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि यूसीसी लागू करने की कोशिश उस मुद्दे को खुल्लम खुल्ला सामान्य बताने का प्रयास है जो जटिल है और जिसे लेकर लोगों के बीच कई सारे मतभेद हैं।
बता दें कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत मुसलमानों को लेकर पीएम मोदी के अमेरिका दौरे के वक़्त चिंता जताई थी। ओबामा की टिप्पणी पर अमर्त्य सेन से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि भारत में वर्ग, मज़हब और लिंग के आधार पर बहुत असमानताएं हैं और ये चुनौती के रूप में उभर सकती हैं।