कोलकाता। पश्चिम बंगाल पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के हाथों गिरफ्तार अलकायदा आतंकी नसीमुद्दीन शेख ने पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा किया है। उसने बताया है कि जब कोरोना के समय पूरी दुनिया में लॉक डाउन चल रहा था उसी समय उसने अपने नेटवर्क का इस्तेमाल कर बड़े पैमाने पर नए आतंकियों की भर्ती की है। फिलहाल 14 दिनों की पुलिस हिरासत में मौजूद नसीमुद्दीन से लगातार पूछताछ हो रही है। उसने स्वीकार किया है कि लॉकडाउन के दौरान पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले से सटे बांकड़ा इलाके की एक मदरसे को उसने अपना ठिकाना बनाया हुआ था।
एसटीएफ के एक अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि इसी मदरसे में रहने के दौरान उसने अलकायदा के अन्य सहयोगियों के साथ अपने संबंध स्थापित किए थे। इनमें से कई लोग पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। नसिमुद्दीन का मुख्य काम अल्पसंख्यक युवकों की ब्रेनवाशिंग कर उन्हें आतंकी बनने के लिए तैयार करना था। वह स्लीपर सेल तैयार करने के लिए भर्तियां कर रहा था। जब लॉकडाउन खत्म हुआ तो पकड़े जाने के डर से वह चुपचाप मदरसे से फरार हो गया था और पश्चिम बंगाल से बाहर चला गया था।
पता चला है कि हावड़ा और उत्तर तथा दक्षिण 24 परगना के अल्पसंख्यक बहुल इलाके में वह अलकायदा के मॉड्यूल को स्थापित करने के लिए काम कर रहा था। दूसरे राज्य से वह हाल ही में पश्चिम बंगाल आया था जब उसे हुगली के दादपुर के उसके रिश्तेदार के यहां से गिरफ्तार किया गया है। दरअसल पिछले साल नवंबर महीने में एसटीएफ ने दक्षिण 24 परगना जिले के मथुरापुर से अलकायदा के एक अन्य आतंकी मनीरूद्दीन खान को गिरफ्तार किया था। उसके पास से एक पेन ड्राइव बरामद हुई थी जिसमें नसीमुद्दीन के बारे में सारी जानकारी हासिल हुई थी। उसी के आधार पर उसे ढूंढा जा रहा था और अब पकड़ा गया है।