राजीव कुमार झा की कविता – मां
।।मां।। राजीव कुमार झा रोज जिंदगी की छाया को लेकर कर किरणों की मुस्कान समेटे
डीपी सिंह की रचनाएं…
।।माँ।। सोच रहा हूँ, खोज करूँ इक ऐसे वाई-फ़ाई की एसी में जो ठण्डक ला
।।मां।। राजीव कुमार झा रोज जिंदगी की छाया को लेकर कर किरणों की मुस्कान समेटे
।।माँ।। सोच रहा हूँ, खोज करूँ इक ऐसे वाई-फ़ाई की एसी में जो ठण्डक ला