ऊंचे पर्वत पर खड़े हुए बौने लोग
कुछ ऐसा ही लग रहा है जैसे कोई किसी की बड़ी रेखा को छोटा कर
बेअसर आंसू-आहें अनसुनी फ़रियाद (पढ़ना-लिखना)
कितनी बार वही सवाल मन में आता है बात तमाम चिंतन करने वालों की लिखने
शानदार अंत की अभिलाषा (अजीब दस्तान)
यही टीवी सीरियल के पर्दे पर नजर आया अंतिम एपिसोड में सब चंगा हो गया
किन बातों को अपनाना या छोड़ना (विरासत)
लगता है जैसे तमाम लोग मानते हैं कि हमारी सभी पुरानी ऐतहासिक धार्मिक किताबों की
ख़ुशी की तलाश में
पढ़ने से पहले समझ लो ख़ुशी पाने की बात यहां नहीं हो रही है। खुश
पृथ्वी को बचाने के लिए पर्यावरण संरक्षण और पारिस्थितिकी संतुलन जरूरी
राज कुमार गुप्त : हम सभी पृथ्वी के मानव जाति बाढ़, महामारी, प्रलय या अन्य
कुछ राज्य सरकारों का उद्योगपतियों के प्रति सकारात्मक तो कुछ का नकारात्मक सोच क्यों?
राज कुमार गुप्त : पिछले दिनों केरल से एक खबर आई थी कि बच्चों के
हर्ष फायरिंग पर रोक लगाए सरकार
राज कुमार गुप्त। अक्सर सुनने या देखने में आता है कि अमुक जगह शादी या
युवाओं में प्रेम और सेक्स के प्रति नया नजरिया
राजीव कुमार झा : आधुनिक जीवन शैली में अब विवाह पूर्व – विवाहेतर प्रेम और
इहे सवनवा में
ज्येष्ठ-आषाढ़ के तपिस दिवस और उमस भरी रात्रि की बेचैनी के उपरांत श्रावणी शीतल फुहार