साहित्यडीपी सिंह की कुण्डलिया Posted on January 3, 2021 by admin इक्किस के सम्मान में, मचा रहे सब शोर। घड़ी-घड़ी सबकी नजर, उठे घड़ी की ओर।। उठे घड़ी की ओर, शान से हम भी ऐंठे। दरवज्जे पर खाट, डालकर डटकर बैठे।। बीस हुआ है पार, अजी कैसे घिस-घिस के। बैठे डीपी सिंह, प्रतीक्षा में *इक किस* के।। हावड़ा ज्ञान पीठ विद्यालय का 47वां स्थापना दिवस समारोह मनाया गया श्याम कुमार राई ‘सलुवावाला’ की कविता : “शैतान के अपने लगते हो”