कोलकाता : बंगाल में चुनावी सरगर्मियां बढ़ती ही जा रही है। इस दौरान सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच जुबानी जंग भी तेज हो गई है। इस बीच भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने एक बार फिर ममता की तारीफ करने वाले नोबेल पदक जयी अमर्त्य सेन पर निशाना साधा है। घोष ने कहा-‘अमर्त्य सेन ने कहा है कि लव जिहाद में कोई जिहाद नहीं है। विभिन्न धर्मांतरण विरोधी कानून, जो विभिन्न भाजपा शासित राज्यों में मौजूद हैं, असंवैधानिक हैं। ‘मैं उनके निजी जीवन के बारे में कुछ नहीं कहना चाहता क्योंकि उनका तीन धर्मों में तीन बार विवाह हुआ है। उन्हें ये सब बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। हम उन लोगों की बातों को सुनने के लिए तैयार नहीं हैं, जो देश छोड़कर भाग गए हैं। जिन्हें देश की जनता के दुख से कोई सरोकार नहीं है, उनके मुंह से नैतिकता की बातें हम सुनना नहीं चाहते।’ जबकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बंगाल को अपनी संपत्ति समझती हैं।
गौरतलब है कि गत सोमवार को बोस्टन के एक टेलीविजन चैनल के साथसाक्षात्कार में अमर्त्य सेन ने कहा था-‘धर्मांतरण विरोधी कानून बहुत चिंता का विषय है। यह मानव स्वतंत्रता में हस्तक्षेप लगता है। जीवन का अधिकार मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता प्राप्त है लेकिन यह कानून मानव अधिकारों का उल्लंघन करता है। अमर्त्य सेन ने आगे कहा था-‘सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में अब हस्तक्षेप करना चाहिए। इस कानून को असंवैधानिक घोषित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक मामला दायर किया जाना चाहिए। भारत के इतिहास में ऐसा कोई उदाहरण नहीं है। अकबर के समय में एक नियम था कि कोई भी किसी भी धर्म में परिवर्तित हो सकता है। आप एक धर्म विशेष में शादी कर सकते हैं।’
दूसरी ओर भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो ने कहा कि अमर्त्य सेन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की धुन पर बोल रहे हैं। वहीं तृणमूल सांसद सौगत रॉय ने कहा कि दिलीप घोष के लिए अमर्त्य सेन के महत्व को समझना संभव नहीं है। असहिष्णुता की राजनीति के खिलाफ नोबेल पुरस्कार जयी अर्थशास्त्री बोल रहे हैं, इसलिए भाजपा उन्हें इतना नापसंद करती है।