डीपी सिंह की रचनाएं

गन्दी सियासत का दोषी कौन?

कैसे कह दें, नेताओं में हम आदर्श नहीं पाते
काश! मुफ़्त या जाति देख कर हम न उन्हें चुन कर लाते
उनको कुछ कहने से पहले गिरेबान अपनी देखें
देखें उनमें परिवर्तन आमूलचूल फिर से आते

डीपी सिंह

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

eight + fifteen =