नयी दिल्ली। उत्तरी सिक्किम में बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ के बाद सेना के 23 जवान लापता हैं। गुवाहाटी में मौजूद सेना के जन संपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने बीबीसी से इस घटना की पुष्टि की है। इस समय लापता जवानों को तलाशने के लिए इलाक़े में अभियान जारी है और मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने स्थिति का जायजा लिया है। सेना ने एक बयान जारी कर बताया कि उत्तरी सिक्किम में लहोनक झील पर अचानक बादल फटने के कारण लाचेन घाटी के पास स्थित तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आ गई।
इसके अलावा चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण नीचे की ओर 15-20 फीट की ऊंचाई तक जलस्तर अचानक बढ़ गया। इससे सिंगताम के पास बारदांग में खड़े सेना के वाहन प्रभावित हो गए। बाढ़ के बाद बारदांग में सेना के 23 जवान लापता होने की सूचना मिली है और कुछ वाहनों के कीचड़ में डूबे होने की भी खबर है। फिलहाल तलाशी अभियान जारी है। उन्होंने बताया, “बाढ़ देर रात क़रीब एक बजकर 30 मिनट पर आई।”
केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) की एक जानकारी के अनुसार, मंगलवार आधी रात को उत्तरी सिक्किम में लहनोत में झील का जल स्तर बढ़ गया. यह सीडब्ल्यूसी मेली एफएफ साइट को पार कर गया. इसके बाद सुबह 6 बजे खतरे के स्तर से लगभग 3 मीटर ऊपर 227 मीटर मापी गई।
सीडब्ल्यूसी के अनुसार, भारत और बांग्लादेश दोनों के लिए एक साथ बाढ़ का पूर्वानुमान 6 बजे से दो बजे तक लगाया गया था. जबकि दोमोहनी एफएफ स्टेशन पर तीस्ता नदी चेतावनी स्तर से नीचे बह रही है. सुबह 6 बजे जल स्तर 84.83 मीटर है और 6 घंटे के भीतर इसके चेतावनी स्तर को पार करने की आशंका है।