नोबेल पुरस्कार विजेताओं की घोषणा सप्ताह 2-9 अक्टूबर 2023 पर विशेष

आइए नोबेल पुरस्कार हासिल करने का बुलंद हौसला धारण करें – भारत की शान बढ़ाने के वाहक बने
भारत के बढ़ते विकास और बौद्धिक क्षमता से भविष्य में नोबेल पुरस्कारों के छह क्षेत्रों में उपस्थिति दर्ज़ करने की संभावना का हौसला रखना जरूरी – एडवोकेट किशन भावनानीं गोंदिया

किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर सबसे प्रतिष्ठित दुर्लभ पुरस्कारों की श्रेणी में नोबेल पुरस्कार आता है। जिसे पाने के लिए हर योग्य व्यक्ति ही नहीं बल्कि हर देश को लालसा होती है कि उन्हें या उनके नागरिकों को यह पुरस्कार मिले। जिस तरह से भारत वर्तमान समय में हर क्षेत्र में सफलताओं के झंडे गाढ़ रहा है, उससे यह कयास लगाना लजमीं है कि आने वाले वर्षों में छह क्षेत्रों में भारत का नाम भी नोबेल पुरस्कार में शामिल होगा। इस बात को कुछ माह पूर्व नोबेल पुरस्कारों से जुड़े नार्वे के भारतीय मूल के सांसद हिमांशु गुलाटी ने भी कहा था कि जिस तेजी से भारत के नॉमिनेशन आ रहे हैं संभावना है कि, आने वाले वर्षों में इसका नतीजा सकारात्मक दिखे।

वैसे तो नोबेल पुरस्कार संबंधी सर्वेक्षण टीम हर वर्ष भारत आती है। जिसमें इस बार नार्वे भी शामिल था और हमारे माननीय पीएम का नमिनेशन नोबेल शांति पुरस्कार के लिए सोशल मीडिया में भी नॉमिनेशन चला था। चूंकि अभी 2 से 9 अक्टूबर 2023 तक नोबेल पुरस्कारों के विजेताओं की घोषणाओं का क्रम शुरू है जिसमें दो अक्टूबर को चिकित्सा, तीन को भौतिकी और चार को केमिस्ट्री क्षेत्र में विजेताओं की घोषणा हो चुकी है। इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आलेख के माध्यम से चर्चा करेंगे,भारत के बढ़ते विकास और बौद्धिक क्षमता से भविष्य में नोबेल पुरस्कारों के छह क्षेत्रों में उपस्थिति दर्ज़ कराने की संभावना का हौसला रखना जरूरी है।

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एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी : संकलनकर्ता, लेखक, कवि, स्तंभकार, चिंतक, कानून लेखक, कर विशेषज्ञ

साथियों बात अगर हम नोबेल पुरस्कारों के शेड्यूल और घोषणा शुरू होने की करें तो, नोबेल पुरस्कार 2023 का शेड्यूल जारी कर दिया गया है। 2023 के नोबेल पुरस्कारों की घोषणा 2 अक्टूबर 2023 से ज़ारी है। भारत में भी इसकी चर्चा खूब हो रही है, लेकिन इस बीच लोगों के मन में इससे जुड़े कई सवाल भी उठते हैं जिसकी जानकारी सबको नहीं होती। इस कड़ी में सबसे पहले वैज्ञानिक कैटेलिन कैरिको और ड्रू वीसमैन को चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया है। इन दोनों वैज्ञानिकों को यह पुरस्कार कोविड-19 के प्रभावी टीकों से जुड़ी उनकी खोज के लिए दिया गया है। इसके बाद 3 अक्टूबर 2023 को भौतिकी के नोबेल पुरस्कार का एलान किया गया है।

इस श्रेणी के लिए 2023 का नोबेल प्राइज संयुक्त रूप से पियरे ऑगस्टिनी, फेरेंस क्राउसज और एनी एल’हुलियर को दिया गया। इलेक्ट्रॉन्स पर अध्ययन के लिए यह सम्मान दिया गया। अवॉर्ड उन प्रायोगिक तरीकों के लिए दिया गया, जिसमें पदार्थ में इलेक्ट्रॉन की गतिशीलता के अध्ययन के लिए प्रकाश के एटोसेकंड पल्स उत्पन्न किए गए। एनी हुलियर फिजिक्स के इस क्षेत्र में नोबेल जीतने वाली पांचवीं महिला बनी हैं। इसके बाद बुधवार चार अक्टूबर 2023 को केमिस्ट्री के नोबेल विजेताओं की घोषणा की गई। वहीं साहित्य याने लिटरेचर के पुरस्कार की घोषणा 5 अक्टूबर को और नोबेल पीस प्राइज की घोषणा 6 अक्टूबर 2023 को होगी, जबकि 9 अक्टूबर 2023 को अर्थशास्त्र के नोबेल विजेताओं की घोषणा की जाएगी।

साथियों बात अगर हम नोबेल पुरस्कार वितरण की जटिल प्रक्रिया की करें तो, नोबेल पुरस्कारों की प्रस्तावना चयन और पाने के लिए संपूर्ण प्रक्रिया होती है, जिसकी कार्यवाही लगभग एक वर्ष पूर्व ही प्रारंभ कर दी जाती है। जिस वर्ष के लिए नोबेल पुरस्कार होता है, उसके पूर्व वर्ष के सितंबर माह में नोबेल पुरस्कार की प्रस्ताव के लिए प्रपत्र भेज दिया जाता है। जिसमें नाम प्रस्तावित करने होते हैं जो प्रस्तावित वर्ष के फरवरी माह में नाम के प्रस्ताव पर प्रस्तावित समिति से मांगे जाते हैं। मार्च से मई तक प्रत्येक विषय के लिए विशेष चयन समिति का गठन कर दिया जाता है, जो जून से अगस्त तक अपनी रिपोर्ट तैयार करते हैं, जो 5 से 6 पैराग्राफ में होती है सितंबर माह में रिकॉर्ड रिपोर्ट अल्फ्रेड ट्रायल स्वीडिश विज्ञान अकादमी को सौंप दी जाती है। बता दें केवल जीवित व्यक्तियों को ही नोबेल पुरस्कार के लिए चुना जाता है। परंतु चयन के बाद अगर चयनित प्रत्याशी की मृत्यु हो जाती है तो पुरस्कार दिया जा सकता है।

नोबेल पुरस्कारों के विजेताओं की घोषणा अक्टूबर माह में की जाती है जो मेडिसिन, भौतिक, केमिस्ट्री साइकोलॉजी, साहित्य, शांति और इकोनामिक साइंस के क्षेत्र में योग्य व्यक्तियों को दिया जाता है फिर पुरस्कारों के लिए प्रतिवर्ष सेल्फ ट्रेड नोबेल की पुण्यतिथि 10 दिसंबर को विजेताओं को पुरस्कार के रूप में एक स्वर्ण पदक एक प्रमाण पत्र और चार करोड़ से अधिक की धनराशि दी जाती है। नोबेल पुरस्कार विजेता एक सप्ताह तक चलने वाले कार्यक्रमों में नोबेल समिति के अतिथि होते हैं। प्रस्ताव के नामों को पूर्णतया गुप्त रखा जाता हैं, ताकि कोई उन्हें प्रभावित करने का प्रयास न कर सके। प्रस्ताव में रॉयल स्वीडिश विज्ञान अकादमी के सदस्य, विषय के पूर्व नोबेल विजेता, स्वीडन, डेनमार्क, फिनलैंड, आइसलैंड तथा नार्वे के विश्वविद्यालय व केरोस्का संस्थान स्टॉकहोल में नियुक्त स्थाई सहायक प्रोफेसर तथा स्वीडिश मिशन एकेडमी द्वारा स्वीकृत अन्य लोग सम्मिलित होते हैं। इसके अतिरिक्त कोई अन्य किसी नाम का प्रस्ताव नहीं कर सकते।

प्रस्तावित नाम के संबंध में किसी भी प्रकार की सूचना 50 वर्षों तक किसी भी प्रकार से किसी को भी नहीं दी जा सकती। नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकन कोई भी वो व्यक्ति कर सकता है जो इसके नामांकन मानदंडों को पूरा करता है। नामांकन भरने के लिए निमंत्रण पत्र की जरूरत नहीं है। नॉर्वेजियन नोबेल समिति नामांकन किए गए लोगों में से नोबेल शांति पुरस्कार विजेताओं का चयन करती है। 1 फरवरी से पहले नामांकन भेजा जा सकता है, इसके बाद समिती इन नामों पर चर्चा करती है और फरवरी से मार्च महीने के बीच एक लिस्ट तैयार की जाती है। चयन, समिति के सभी सदस्यों के वोटिंग के आधार पर होती है। इसके बाद विजेताओं के नाम की घोषणा होती है। दिसंबर में उन्हें पुरस्कार दिया जाता है।

साथियों बात अगर हम नोबेल पुरस्कार को समझने की करें तो, यह एक प्रतिष्ठित पुरस्कार है जो छह अलग-अलग क्षेत्रों में दिया जाता है। ये उन लोगों को दिया जाता है जिन्होंने पिछले वर्ष के दौरान मानव जाति को सबसे बड़ा लाभ पहुंचाया है। मूल रूप से यह पुरस्कार फिजिक्स, केमिस्ट्री, साइकॉलजी, मेडिसिन, साहित्य और शांति के क्षेत्र में दिया जाता है। इसमें शांति पुरस्कार की विशेषता यह है कि ये उस व्यक्ति को दिया जाता है जिसने राष्ट्रों के बीच फैलोशिप को आगे बढ़ाने, स्थायी सेनाओं को समाप्त करने या कम करने और शांति की स्थापना और प्रचार के लिए सबसे अधिक या सबसे अच्छा काम किया है। 1968 में इसमें सातवां पुरस्कार जोड़ा गया था जो आर्थिक विज्ञान के क्षेत्र में था। यह पुरस्कार आधिकारिक तौर पर नोबेल पुरस्कार नहीं है, लेकिन इसे अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में आर्थिक विज्ञान में स्वेरिजेस रिक्सबैंक पुरस्कार कहा जाता है। इसकी स्थापना स्वेरिजेस रिक्सबैंक (स्वीडन का केंद्रीय बैंक) की ओर से की गई थी।

साथियों बात अगर हम नोबेल पुरस्कार पाने में भारत की स्थिति की करें तो, यहां अलग-अलग वर्ग में कुल 10 लोग नोबेल पुरस्कार जीत चुके हैं। इनमें रविंद्र नाथ टैगोर को साहित्य के लिए, विज्ञान के लिए सर चंद्रशेखर वेंकट रमन को, इलेक्ट्रॉन पर काम करने वाले हर गोबिंद खुराना को, मानव सेवा के लिए मदर टेरेसा को, भौतिकी यानी फिजिक्स के लिए सुब्रमण्यन चंद्रशेकर को, अर्थशास्त्र के लिए अमर्त्य सेन को, साहित्य के लिए सर विद्याधर सूरज प्रसाद नायपॉल को, रसायन विज्ञान के लिए ​वेंकटरमण रामकृष्णन को, ​मजदूरों के बच्चों को शिक्षा के लिए कैलाश सत्यार्थी को और गरीबी हटाने के लिए अभिजीत विनायक बनर्जी को नोबेल पुरस्कार मिल चुका है।

साथियों बात अगर हम नोबेल पुरस्कार स्थापना और शुरू होने के इतिहास की करें तो, इसकी स्थापना स्वीडिश वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल ने 27 नवंबर 1895 को अपनी अंतिम वसीयत और वसीयतनामा पर हस्ताक्षर किए। जिसमें उन्होंने अपनी संपत्ति का अधिकांश हिस्सा फिजिक्स, केमिस्ट्री, साइकॉलजी, मेडिसिन, साहित्य और शांति के पुरस्कारों के लिए दे दिया। नोबेल एक स्वीडिश केमिस्ट, इंजीनियर और उद्योगपति थे जो डायनामाइट के आविष्कार के लिए प्रसिद्ध हैं। उनका जन्म 21 अक्टूबर 1833 को स्टॉकहोम स्वीडन में हुआ था। 1896 में उनकी मौत हुई थी। अपनी वसीयत में उन्होंने अपनी अधिकांश संपत्ति पांच पुरस्कारों की स्थापना के लिए दे दी, जो बाद में नोबेल पुरस्कार बन गए। पहला नोबेल पुरस्कार 10 दिसंबर 1901 को दिया गया था। सबसे पहला नोबेल पुरुस्कार विल्हेम रॉन्टगन को एक्स-रे की खोज के लिए मिला था। यह फिजिक्ट कैटेगरी में पहला पुरस्कार था। नोबेल पुरस्कार विजेताओं को धनराशि भी दी जाती है। पिछले कुछ वर्षों में पुरस्कार राशि में बढ़ोतरी हुई है और वर्तमान में यह राशि प्रति पुरस्कार 1.1 मिलियन डॉलर है।

साथियों बात अगर हम नोबेल पुरस्कार विजेताओं में वैश्विक स्थिति की करें तो, भारत को अमेरिका की तुलना में काफी कम बार नोबेल पुरस्कार मिला है। इस बार भारत को विनर लिस्ट में शामिल किया जाएगा या नहीं, इसके बारे में अपडेट लिस्ट घोषणा होने के बाद ही मिलेगा। फरवरी 2021 तक आर्थिक विज्ञान में पुरस्कार सहित 603 बार पुरस्कार दिए जा चुके हैं। कुल 962 व्यक्तियों और 28 संगठनों को यह पुरस्कार मिला है। कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें दो या इससे अधिक बार यह मिला है। व्यक्तिगत रूप से सबसे ज्यादा नोबेल पुरस्कार जीतने वालों में क्यूरी फैमिली का नाम आता है। वहीं देश की बात करें तो संयुक्त राज्य अमेरिका 368 के साथ पहले नंबर पर, यूके 132 के साथ दूसरे नंबर पर और जर्मनी 107 के साथ तीसरे नंबर पर है। 1901 से अब तक कुल 57 महिलाओं को इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। पहली मैरी क्यूरी थीं और उन्होंने यह पुरस्कार दो बार जीता, यह एक से अधिक बार जीतने वाली एकमात्र महिला थीं।

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि नोबेल पुरस्कार विजेताओं की घोषणा इस सप्ताह 2-9 अक्टूबर 2023 पर विशेष। आओ नोबेल पुरस्कार हासिल करने का बुलंद हौसला धारण करें – भारत की शान बढ़ाने के वाहक बने। भारत के बढ़ते विकास और बौद्धिक क्षमता से भविष्य में नोबेल पुरस्कारों के छह क्षेत्रों में उपस्थिति दर्ज़ करने की संभावना का हौसला रखना जरूरी है।

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