है पता सबको कि संस्कृति कूप में क्यों जा पड़ी है
है खबर बेहतर सभी को, जान पर क्यों आ पड़ी है
फिर भी क्यों अपनी लड़ाई दूसरों पर डाल कर वह
सोचता है आज हर इक व्यक्ति, हमको क्या पड़ी है
डीपी सिंह
है पता सबको कि संस्कृति कूप में क्यों जा पड़ी है
है खबर बेहतर सभी को, जान पर क्यों आ पड़ी है
फिर भी क्यों अपनी लड़ाई दूसरों पर डाल कर वह
सोचता है आज हर इक व्यक्ति, हमको क्या पड़ी है
डीपी सिंह