जलपाईगुड़ी। जब मणिपुर जातीय दंगों में जल रहा है। तभी जलपाईगुड़ी में इससे उलट तस्वीर देखने को मिली। एक मुस्लिम परिवार ने हिंदू तीर्थयात्रियों को सहायता प्रदान करके एक मिसाल कायम की। जलपाईगुड़ी के बाबा धाम जल्पेश मंदिर में भगवान शिव को जल चढ़ाने हिंदू भक्त कई किलोमीटर पैदल चलते हैं। लंबी पैदल यात्रा के बाद मंदिर पहुंचने से पहले ही पैरों में छाले पड़ जाते हैं। आदत नहीं होने के कारण ज्यादा चलने से पैरों में दर्द होने लगता है।
मोइनुल इन सभी तीर्थ यात्रियों के पैरों पर पेन किलर स्प्रे कर रहे हैं और इस काम में उनकी मदद उनकी पत्नी और उनकी 8 साल की बेटी कर रही हैं। सिर्फ दर्द निवारक दवा ही नहीं तीर्थयात्रियों के लिए निःशुल्क पानी की बोतलें, कोल्ड ड्रिंक भी प्रदान कर उनकी थकावट दूर कर रहे हैं। मोहम्मद मोइनुल कहते हैं कि वह बचपन से ही जलपाईगुड़ी शहर में पले-बढ़े हैं। साम्प्रदायिक सौहार्द में यह शहर एक उदाहरण है। इसलिए उन्होंने हिंदुओं और मुसलमानों के बीच अंतर देखे बिना शहर की इस मिसाल को बनाए रखने की कोशिश की।
मोइनुल की पत्नी रंजीता और उनकी बेटी मुस्कान ने कहा कि लोगों की सेवा करना ही परम धर्म है। इसलिए आज उन्होंने लगभग 1000 तीर्थयात्रियों के हाथों में पानी की बोतलें, शीतल पेय और हजारों लोगों के पैरों पर दर्द निवारक दवाएं दी हैं।तीर्थयात्री शुभंकर रॉय, सुरजीत देबनाथ ने कहा कि वे यह देखकर आश्चर्यचकित थे कि एक मुस्लिम परिवार हिंदू तीर्थयात्रियों के पैरों पर दर्द निवारक दवाएं छिड़क रहा था ताकि उन्हें मंदिर तक पहुंचने में परेशानी न हो। उन्होंने इस परिवार की समृद्धि की भी कामना की।