भावनानी के भाव : भारतीय संस्कार

।।भारतीय संस्कार।।
किशन सनमुखदास भावनानी

भारतीय संस्कार
हमारे अनमोल मोती है
प्रति दिन माता पिता के पावन
चरण स्पर्श से शुरुआत होती है

अनेकता में एकता
हमारी शैली है
प्राकृतिक संपदा से
भरपूर हरियाली है

उसके बाद वंदन कर
गुरु को नमन करते हैं
बड़ों की सेवा में हम भारतीय
हमेशा स्वतः संज्ञान से आगे रहते हैं

श्रावण कुमार, गुरु गोविंद सिंह,
महाराणा प्रताप, वीर शिवाजी
अनेकों योद्धाओं बलवीरों
महावीरों की मां भारती है

हम भारतवासी संयुक्त परिवार की
प्रथा श्रद्धा से कायम रखे हैं
अतिथियों को देव तुल्य मानकर
भरपूर भाव से सेवा करते हैं

सबको प्यार का मीठा प्यारा माता पिता
राष्ट्र की सेवा का पाठ पढ़ाते हैं
हम अपनी संस्कृति से
प्राणों से अधिक प्यार करते हैं

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी : संकलनकर्ता, लेखक, कवि, स्तंभकार, चिंतक, कानून लेखक, कर विशेषज्ञ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

3 × three =