चुनाव बाद भी नहीं थमा हिंसा, जलपाईगुड़ी जिले के सैकड़ों लोग अभी भी बेघर, गांव में छाया है आतंक

जलपाईगुड़ी। राजगंज विधानसभा के संन्यासी काटा ग्राम पंचायत के जुम्मागाछ, कुआरबाड़ी सहित कई गांवों के लोग अभी भी बेघर हैं। इलाके के सैकड़ों महिला-पुरुष मतदाता मतदान के दिन हिंसा के प्रताड़ित अपने घर छोड़ कर भाग गये थे। उक्त मोहल्लों के सैकड़ों परिवारों के लोग डर से अब तक घर नहीं लौट पा रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि सभी बेघर लोग कांग्रेस और सीपीआईएम के समर्थक हैं। तृणमूल आश्रित बदमाशों की भयावह उत्पात का वर्णन करते हुए फ़रीता खातून ने कहा कि घर पर कोई मर्द नहीं है, मैं तीन बहूओं के साथ रहती हूं, मैं रात में डर से नहीं सो सकती हुं। पति और मेरे तीन बेटे बाहर हैं और जान जाने के डर से घर नहीं लौट पा रहे हैं।

हरिबुर रहमान ने कहा कि पुलिस खड़ी रहकर मेरे घर और टोटो को नष्ट करने में तृणमूल के बदमाशों को मदद करती रही। दूसरी ओर, तृणमूल नेता और संन्यासी काटा ग्राम पंचायत के उपप्रधान अतियार रहमान ने घटना से इनकार किया और कहा कि दंगाई खुद अपना घर तोड़कर बाहर हैं, हम किसी को बाहर रहने के लिए नहीं कह रहे हैं। मतदान शांतिपूर्ण ढंग से हुआ, हम चाहते हैं कि वे घर लौटें।’

जलपाईगुड़ी जिला सचिव सुनील आचार्य, रीना दास, जिला महिला संघ, क्षेत्र समिति सचिव रतन रॉय, संन्यासी काटा क्षेत्र किसान सभा सचिव सौकत अली और कई अन्य आज चुनाव में हिंसा से हुए नुकसान और सीपीआईएम समर्थकों की स्थिति जानने के लिए इलाके के दौरे पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि तृणमूल के आतंक के कारण हम घर पर नहीं रह सकते और इसके लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं। हम उन्हें घर वापस लाने के लिए जी जान से कोशिश कर रहे हैं।

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