– इस बार “चाय की केतली” बनी चित्रकारी के लिए विषय वस्तु आधार
लखनऊ। रंग मल्हार कलाकारों का एक विशेष कार्यक्रम है। जिसकी शुरुआत 2010 में हुई थी। जिसे आज 13 वर्ष पूर्ण हुए। अच्छी वर्षा से समस्त मानव जाति खुशहाली, समृद्धि और शांति से सराबोर हो यही इस समुदाय विशेष कला कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य और कामना है। इस कार्यक्रम की संकल्पना जयपुर राजस्थान के सुप्रसिद्ध कलाकार विद्यासागर उपाध्याय द्वारा की गई है। जिसका आयोजन सर्वप्रथम जयपुर शहर से हुआ और धीरे धीरे रंगमल्हार राजस्थान के अनेकों शहरों में आयोजित होने लगे। फिर उसके बाद देश के अन्य प्रदेशों उसके शहरों में और आज विदेशों से भी कलाकार इस कार्यक्रम में भागीदारी करने लगे हैं।
कार्यक्रम में सृजन के लिए वस्तु आधारित सतह का प्रयोग होना एक विशेष आकर्षण हैं। जिसके लिए हर साल नए विषय वस्तु को प्रस्तुत किया जाता रहा है जैसे पंखी, साइकिल, मुखौटे, छाते, टोपी, कैरीबैग, कार, लालटेन, टीशर्ट, झंडा आदि विषय वस्तु को आधार बना कर कलात्मक रूप से रंगमल्हार उत्सव मनाया जाता रहा है। ज्ञातव्य हो कि यह आयोजन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों में आयोजित किए जाते हैं ताकि किसी भी रूप में कलाकारों का समूह इस आयोजन में भागीदारी सुनिश्चित कर सके।
13 वर्षों से लगातार आयोजित होने वाले ऑनलाइन एवं ऑफलाइन अंतरराष्ट्रीय कला उत्सव रंगमल्हार हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी रविवार को कलाकारों का 14 वां संस्करण उत्सव देश विदेश में मनाया गया, ऑनलाइन सोशल मीडिया और ऑफलाइन दोनों माध्यम में कलाकारों ने भाग लिया। इस बार इस गतिविधि में विषय वस्तु आधार के रूप में “चाय की केतली” रही। जिसपर कलाकारों ने बड़े उत्साह के साथ अपने अपने शैली और माध्यम में चित्र सृजित किये और इस आयोजन को सफल बनाया। इस अंतरराष्ट्रीय कला गतिविधि में कलाकारों का उत्साह से भाग लेना बहुत उत्साहवर्धक है।
वैसे तो समाज में मेघ उत्सव के लिए कई परम्परागत तौर तरीके प्रचलित रहे हैं। उसी प्रकार देश विदेश के सभी कलाकार भी कलात्मक रूप से रंग मल्हार उत्सव मानते हैं। देश विदेश के कलाकारों के साथ उत्तर प्रदेश लखनऊ से कलाकार भूपेंद्र कुमार अस्थाना ने भी विषय वस्तु आधार चाय की “केतली” पर अपनी रेखांकन शैली के माध्यम से रंग मल्हार उत्सव को ऑनलाइन रंगमल्हार फेसबुक पेज से जुड़कर मनाया। साथ ही कलाकृति की फ़ोटो पेज पर अपलोड करते हुए अपनी भागीदारी लखनऊ से सुनिश्चित की।