मालदा जिला परिषद के तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार के समर्थन में चुनावी रैली आयोजित

मालदा। मालदा जिला परिषद के तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार लिपिका बर्मन घोष के समर्थन में महदीपुर क्षेत्र में एक चुनावी रैली आयोजित की गई। यह चुनावी रैली बुधवार को महद्दीपुर क्षेत्र के खिड़की इलाके से शुरू हुई और पूरे महदीपुर क्षेत्र की परिक्रमा की। रैली में हजारों की संख्या में पार्टी कार्यकर्ता और समर्थक शामिल हुए। रैली में मालदा जिला परिषद तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार लिपिका बर्मन घोष, इंग्लिश बाजार पंचायत समिति के उम्मीदवार मारुफ शेख, जगन्नाथ घोष और ग्राम पंचायत और पंचायत समिति के अन्य उम्मीदवारों ने भाग लिया।

मालदा जिला तृणमूल कांग्रेस की महासचिव सुमला अग्रवाल, महदीपुर क्षेत्र के तृणमूल अध्यक्ष प्रशांत घोष और जिला एवं क्षेत्रीय नेतृत्व भी उपस्थित थे। रैली के बाद महदीपुर स्टैंड पर पथ सभा भी की गयी। महदीपुर क्षेत्र के तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष प्रशांत घोष ने कहा कि चुनाव आ गया है इसलिए विपक्ष जाग गया है। अभी तक उन्हें इलाके में नहीं देखा गया है। लोगों को बेवकूफ बनाने से कोई फायदा नहीं है, अब लोग तृणमूल के पक्ष में हैं। उनका जवाब मतपेटी में दिया जायेगा।

सब्जियों के दाम आसमान को छू रहे हैं, उत्तर बंगाल के साथ मालदा के ग्राहक परेशान

मालदा। मालदा शहर के रथबाड़ी सहित कई बाजारों में हरी मिर्च की कीमत 300 रुपये से 350 रुपये प्रति किलोग्राम है। इसके साथ ही बैंगन करीब 150 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। इसके अलावे अन्य सब्जियों के दाम भी आसमान को छू रहे हैं। सब्जी बाजार में जैसे आग लगी है और वहां घुसते ही इसकी तपिश आपके हाथ जला दें। इस संबंध में फल व सब्जी आयातक व निर्यातक व जिला व्यवसायी नेता उज्ज्वल साहा ने मंगलवार को मालदा शहर के आम बाजार इलाके में पत्रकारों से मुखातिब होते हुए कहा कि शुरुआत में सब्जियों की पैदावार में कमी के कारण दिक्कत आ रही थी।

इन कुछ दिनों की लगातार बारिश के बाद कृषि भूमि जलमग्न हो गई है। खेतों में पानी भर जाने से सब्जियां सड़ गयी हैं। लेकिन हम सभी पहलुओं पर नजर रख रहे हैं ताकि व्यापारी इस अवसर का उपयोग अत्यधिक कीमतों पर सब्जियां बेचने के लिए न करें। इसके अलावा, राज्य सरकार के सभी सुफल बांग्ला केंद्रों से रियायती कीमतों पर सब्जियां बेचने की पहल की जा रही है। उन्होंने कहा कि हम दूसरे राज्यों से सब्जियां आयात करने की कोशिश कर रहे हैं ताकि सब्जियों की कीमतें नियंत्रण में रहें। उन्होंने यह भी कहा कि बंगाल के कई किसान चुनाव लड़ रहे हैं और चुनाव में व्यस्त हैं। चुनाव के बाद वे अधिक फसल पैदा करेंगे।

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