बंगाल में तत्काल प्रभाव से तैनात होंगी CRPF की 22 टुकड़ियां

कोलकाता। केंद्र सरकार (Central government) ने पंचायत चुनाव (Panchayat elections) के लिए पश्चिम बंगाल (West Bengal) के जिलों में तत्काल प्रभाव से सीएपीएफ जवानों (CAPF jawans immediate effect) को भेजने का फैसला लिया है। केंद्र की ओर से बताया गया कि बंगाल में CRPF की 22 टुकड़ियों को तैनात किया जाएगा। पश्चिम बंगाल में केंद्रीय बलों की तैनाती के आदेश के खिलाफ याचिकाओं के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में खारिज के बाद यह फैसला आया है।

SC ने कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) के उस आदेश में हस्तक्षेप से मंगलवार को इनकार कर दिया, जिसमें पश्चिम बंगाल में राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) को 8 जुलाई को होने वाले पंचायत चुनावों के लिए केंद्रीय बलों की मांग करने और तैनात करने का निर्देश गया था। एससी ने यह भी कहा कि चुनाव कराना ‘हिंसा का लाइसेंस’ प्राप्त करना नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने HC के आदेश को चुनौती देने वाली पश्चिम बंगाल सरकार और एसईसी की याचिकाओं को खारिज कर
दिया। इसने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश का आशय अंततः राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना था। न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की अवकाशकालीन पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा, ‘चुनाव कराना हिंसा का लाइसेंस नहीं हो सकता।’ खंडपीठ ने कहा कि यह सच है कि उच्च न्यायालय के आदेश का आशय राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना है, क्योंकि यहां एक ही दिन में पंचायत चुनाव हो रहे हैं।

चुनाव को लेकर बयानबाजियों का दौर भी जारी
इस बीच, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने पंचायत चुनाव जीतने का भरोसा जताते हुए कहा कि शीर्ष अदालत के इस फैसले का पार्टी की चुनावी संभावनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा। हालांकि, विपक्षी दलों ने उम्मीद जताई कि राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) द्वारा टीएमसी के पक्ष में किसी भी पूर्वाग्रह के बिना शीर्ष अदालत के आदेश का अक्षरशः पालन किया जाएगा।

टीएमसी पर हिंसा का सहारा लेने और विपक्षी उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करने की अनुमति न देने का आरोप लगाया गया है। पंचायत चुनाव के लिए 8 जुलाई को होने वाले मतदान के वास्ते नामांकन दाखिल करने को लेकर व्यापक हिंसा के कारण राज्य के विभिन्न हिस्सों में 5 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए।

टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने कहा, ‘हम न्यायपालिका का पूरा सम्मान करते हैं और अदालत के आदेश का पालन करेंगे, लेकिन हम पंचायत चुनावों के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती नहीं चाहते थे। केंद्रीय बलों की तैनाती से केवल भ्रम पैदा होगा।’ इधर, नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने SC के फैसले का स्वागत किया और आश्चर्य जताया कि अगर टीएमसी को जीत का इतना भरोसा है तो उसने केंद्रीय बलों की तैनाती का विरोध क्यों किया।

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