भारतीय योग का अंतरराष्ट्रीय दम

वैश्विक स्तरपर भारत महत्वपूर्ण भूमिका में आया – यूएन भारतीय प्रस्ताव में 190 सह प्रयोजन- भारत का रुतबा बुलंदियों पर आया – एडवोकेट किशन भावनानी गोंदिया

किशन सनमुखदास भावनानी, गोंदिया, महाराष्ट्र। वैश्विक स्तर पर भारत के रुतबे और बुलंदियों को छूने वाले नए-नए अध्याय दिनों दिन जुड़ते जा रहे हैं जिस पर पूरी दुनियां टकटकी नजरों से एकटक देख रही है और भारत से रिश्ते प्रगाढ़ करने की ओर कदम बढ़ाने पर आतुर है। दूसरी और कुछ समय से भारत और अमेरिका के रिश्तों में भारी नज़दीकियों को पूरी दुनिया महसूस कर रही है। मेरा मानना है कि अगर दोनों देशों का रिश्ता अति प्रगाढ़ हो जाता है तो यह एक और एक ग्यारह होने वाली बात है। क्योंकि भारत भी अब महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है और सबसे बड़ी बात आज अमेरिका में मूल भारतीय मतदाता 44 लाख़ के पार जो आंकड़ा 2017 का है याने अब अंदाजी 50 के पार होने का अंदेशा है जो मायने रखता है।

भारतीय पीएम 21 से 24 जून 2023 का अमेरिका दौरा है जिसमें डिजिटल इकोनामी पर बात पूरी तरह से बनने के अंदाज के साथ अनेक समझौतों के बौछार की झड़ी लगने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता जो दोनों देशों के लिए रिश्तो में मील का पत्थर साबित होंगे वही 21 जून, 2023 को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष में भारत का दम यूएन में भी दिखेगा उत्सव भारतीय नेतृत्व में मनाया जाएगा। चूंकि इस वर्ष का अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव 2023 हमारे पीएम के नेतृत्व में यूएन में मनाया जा रहा है, इसलिए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और पीआईबी में उपलब्ध जानकारी के आधार पर इस आर्टिकल के माध्यम से हम चर्चा करेंगे, भारतीय योग का अंतर्राष्ट्रीय दम, वैश्विक स्तरपर भारत महत्वपूर्ण भूमिका में आया।

एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी : संकलनकर्ता, लेखक, कवि, स्तंभकार, चिंतक, कानून लेखक, कर विशेषज्ञ

साथियों बात अगर हम भारत के रुतबे के बुलंदियों पर आने की करें तो बीते एक हफ्ते में अमेरिका के तीन बयान ऐसे हैं, जिनसे हम समझ जायेंगे कि आज भारत का रुतबा क्या है और आगे क्या होने जा रहा है। पहला बयान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के शीर्ष अधिकारी का जिसमें वो कह रहे हैं कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत अब विश्व स्तरपर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और भारत के साथ साझेदारी हमारे लिए सबसे मजबूत संबंधों में से एक है, और हम चाहते हैं कि भारत अमेरिकी की दोस्ती और मजबूत हो। दूसरा बयान व्हाइट हाउस के प्रवक्ता का जिसमें उन्होंने भारतीय लोकतंत्र को लेकर उठाए गए एक सवाल पर ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा-भारत एक ऐसा लोकतांत्रिक देश है जो लगातार विकास कर रहा है, हम कहेंगे कि जिसे भी भारत में वाइब्रेंट डेमोक्रेसी से रूबरू होना है वो दिल्ली जाकर खुद इसे देखे। तीसरा बयान अमेरिकी रक्षा मंत्री का है जिसमें उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग मजबूत करने के लिए एक नई पहल (इंडस-एक्स) होगी जिसकी शुरुआत पीएम अपनी अमेरिकी राजकीय यात्रा में करेंगे दरअसल इंडस-एक्स भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक और रक्षा साझेदारी को बढ़ाने के लिए प्रस्तावित एक रक्षा पहल है जिसमें रक्षा क्षेत्र में संयुक्त अनुसंधान, विकास और उत्पादन के अवसरों को बढ़ावा देने और हाई-टेक सहयोग को आगे बढ़ाने पर काम किया जाएगा। भारत में अमेरिकी वीजा मिलने में हो रही देरी पर मैथ्यू मिलर ने कहा कि अमेरिका के वाणिज्य दूतावास इस समस्या को दूर करने में जुटे हैं और जल्द से जल्द बड़ी संख्या में भारतीय लोगों को वीजा जारी किए जाएंगे, यह हमारी सरकार की प्राथमिकता है।

साथियों बात अगर हम हमारे पीएम के 21 जून 2023 यूएन में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के नेतृत्व की करें तो वे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर यूएन मुख्यालय में आयोजित योग समारोह में भाग लेंगे। संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष के एक ट्वीट का उत्तर देते हुए पीएम ने ट्वीट किया : यूएनएचक्यू में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह में आपसे मिलने के लिए उत्सुक हूं। आपकी सहभागिता कार्यक्रम को और भी विशिष्ट बनाती है।योग विश्व को अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण की दिशा में एकजुट करता है। यह विश्व स्तर पर और लोकप्रिय होता जा रहा है। पीएम न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह का नेतृत्व करेंगे। पीएम ने लोगों से योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने का आह्वान किया है।योग के बारे में वीडियो साझा करते हुए, पीएम ने ट्वीट किया : योग शरीर की शक्ति और मन की शांति, दोनों को बढ़ाता है। आइए, स्वस्थ जीवन के लिए इसे हम अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। विभिन्न आसनों के कुछ वीडियो आपके लिए साझा कर रहा हूं।

साथियों बात अगर हम पीएम के 21 जून से अमेरिका दौरे की करें तो, अमेरिका दौरा 21 जून से शुरू हो रहा है। इस दौरे के बाद माना जा रहा है कि भारत-अमेरिका के रिश्‍ते एक नए स्‍तर पर पहुंचेंगे। भारतीय पीएम हैं जिनका व्‍हाइट हाउस में राजकीय स्‍वागत होगा। इसके साथ ही वह अमेरिकी कांग्रेस के ज्‍वॉइन्‍ट सेशन को संबोधित करने वाले पहले भारतीय पीएम होंगे। कई विशेषज्ञ मान रहे हैं उनका का यह अमेरिका दौरा कई मौकों को भी आगे बढ़ाएगा। विदेश नीति के जानकार मान रहे हैं कि उनका यह राजकीय दौरा दो बड़े लोकतंत्रों के बीच भविष्‍य पर बड़ा असर डालने वाली होगी। उनकी मानें तो यह दौरा अमेरिका-भारत के रिश्‍तों को एक नए रास्‍ते पर लेकर जाएगी।

सन् 2014 के बाद से दोनों देश रक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। डिजिटल इकोनॉमी इस समय अमेरिकी अर्थव्यवस्था का आधार है। यह डिजिटल इकोनॉमी अगले एक दशक के अंदर आगे निकलने के लिए तैयार है। यह बात भी ध्‍यान रखने वाली है कि अमेरिका में कई अरबपतियों ने 2002 -2012 के दौरान डिजिटल क्रांति की वजह से अपनी संपत्ति में कई गुना इजाफा देखा। जिस बात की कल्‍पना सन् 1980 के दशक में तत्‍कालीन पीएम की थी, उसे पीएम ने अपने पहले कार्यकाल में सबसे ऊपर रखा। भारत और अमेरिका दोनों ही डिजिटल अर्थव्यवस्था और इसके महत्व को समझते हैं। मोदी सरकार ने जिस डिजिटल अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाया था अब एक दशक के अंदर वह भारत में मल्टी ट्रिलियन डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए एक नीतिगत ढांचा तैयार करने की तरफ बढ़ रही है।

साथियों बात अगर हम अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में भारतीय मूल के मतदाताओं की महत्वपूर्ण भूमिका की करें तो भारत की तरह ही अमेरिका भी एक बड़ा लोकतांत्रिक व्यवस्था वाला देश है। अमेरिका में कई राज्य मिलकर देश के राष्ट्रपति चुनाव में अहम भूमिका निभाते हैं। हर राज्य की अपनी सीटें होती हैं, जो कि शुरुआत में प्राथमिक तौर पर और बाद में राष्ट्रपति चुनाव के लिए आखिरी तस्वीर गढ़ती हैं। भारत की तरह ही अमेरिका में ऐसे कुछ राज्य हैं जिनका इन चुनावों में दखल इतना होता है कि वो पूरे राष्ट्रपति चुनाव की तस्वीर को पलट कर रख सकते हैं, बिल्कुल वैसे जैसे भारत के आम चुनावों में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार जैसे राज्य यहां बड़ी भूमिका में होते हैं। अमेरिका की आबादी क़रीब 32.82 करोड़ है, जिसमें से सिर्फ अप्रवासियों की संख्या 4.5 करोड़ के लगभग है। ऐसे में अप्रवासियों की भूमिका का अंदाज़ा अमेरिकी चुनाव में आसानी से लगाया जा सकता है। साल 2000 में अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों की संख्या 16 लाख 78 हज़ार थी। 2012 में इसमें इज़ाफा हुआ और ये बढ़कर 28 लाख 43 हज़ार 391 पर पहुंच गई।

इस वक्त में न्यूयॉर्क, उत्तर न्यू जर्सी, लौंड आयरलैंड मेट्रो क्षेत्र में ही भारतीयों की संख्या पांच लाख 26 हज़ार 133 हुई। साल इस दौरान न्यूयॉर्क, उत्तरी न्यू जर्सी, लौंड आयलैंड मेट्रो क्षेत्र में भारतीयों की संख्या तेज़ी से बढ़ी। 2017 में ये जनसंख्या क़रीब 44 लाख 2 हजार 363 पर पहुंच गई। अमेरिका में भारतीयों की संख्या तकरीबन 44 लाख के आस-पास है। जहां भारतीय सबसे ज़्यादा है उन राज्यों में टेक्सास, फ्लोरिडा, ओहियो और कोलोराडो शामिल हैं। अमेरिका में इस वक्त 5 भारतीय अमेरिकी सांसद हैं और ये सभी डेमोक्रेटिक पार्टी से ताल्लुक रखते हैं। चुनाव में कड़ी की भूमिका में क़रीब 8 राज्य हैं। टेक्सास अमेरिका का दूसरा वो राज्य है जो राष्ट्रपति चुनावों में सबसे ज़्यादा प्रभाव डालता है। इस राज्य में क़रीब 4 फीसदी मतदाता एशियाई मूल के हैं, इनमें ज्यादा संख्या भारतीय मतदाताओं की ही है। टेक्सास में अभी सांसद और गवर्नर दोनों ही रिपब्लिकन पार्टी के हैं। हालांकि ये राज्य डेमोक्रेट्स के गढ़ के तौर पर माना जाता है।

अतः अगर हम उपरोक्त गुणों का अध्ययन कर उसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि भारतीय योग का अंतरराष्ट्रीय दम।भारतीय पीएम संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में 21 जून 2023 अंतरराष्ट्रीय योग दिवस समारोह का नेतृत्व करेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में भारतीय मूल के मतदाताओं की महत्वपूर्ण भूमिका। वैश्विक स्तरपर भारत महत्वपूर्ण भूमिका में आया – यूएन भारतीय प्रस्ताव में 190 सह प्रयोजन-भारत का रुतबा बुलंदियों पर आया।

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