शिविर में आठ प्रदेश के समकालीन कलाकारों ने किया शिरकत
लखनऊ। क्रिकेट एक बहुप्रचलित एवं लोकप्रिय खेल है जो बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक लोग इस खेल के प्रेमी हैं। गांव के गली से लेकर बड़े बड़े स्टेडियम में इस खेल का एक उत्साह देखा जा सकता है। इसी उत्साह को लेकर कलाकारों का भी अपना एक नजरिया होता है जो प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक चार दिवसीय विशेष कला शिविर का आयोजन किया गया है। यह कैम्प क्रिकेट प्रेमियों के लिए बहुत ही खास है। यह कला शिविर एक अलग और नए आयाम में देखा जा सकता है।
गुरुवार को सायं नगर के माल एवेन्यू स्थित सराका आर्ट गैलरी, होटल लेबुआ में शीर्षक “क्रिकेट फीवर… बैटी आर्ट ” चार दिवसीय अखिल भारतीय कला शिविर का भव्य उद्घाटन किया गया। उद्घाटन सत्र में शिविर के क्यूरेटर एवं वास्तुकला एवं योजना संकाय की अधिष्ठाता डॉ वंदना सहगल ने आठ प्रदेशो से आये कलाकारों का स्वागत पुष्प गुच्छ देकर किया। इस अवसर पर शिविर कोऑर्डिनेटर भूपेंद्र कुमार अस्थाना ने कलाकारों को इस शिविर आयोजन का मुख्य उद्देश्य से अवगत कराया।
भूपेंद्र अस्थाना ने बताया कि इस चार दिवसीय कला शिविर में सभी कलाकार क्रिकेट बैट पर को अपना कैनवस बनाया है। जिस पर अपने अपने तकनीकी, शैली पर पेंटिंग, इंस्टॉलेशन, इंग्रेविंग इत्यादि करते हुए एक कलाकृति का रूप देंगे। इस शिविर में नई दिल्ली से वरिष्ठ कलाकार आनंद मोय बनर्जी, दत्तात्रेय आप्टे, संजय शर्मा, राजेश राम, असम से बिनॉय पॉल, मणिपुर से प्रेम सिंह, बड़ोदरा से विजया चौहान, बिहार से हेमा देवी, महाराष्ट्र से मनोज शर्मा, मध्यप्रदेश से नीलेश योगी, उत्तर प्रदेश से धीरज यादव सहित डॉक्यूमेंट करने के लिए झारखंड से मनीषा कुमारी और बिहार से शैलेंद्र कुमार ने शिरकत किया है।