खड़गपुर। ‘अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक दिवस’ पर रविवार को जंगलमहल में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए। पुस्तक प्रेमियों ने इस अवसर को गंभीरता से मनाया। पश्चिम बंगाल लोकतांत्रिक लेखक संघ की मेदिनीपुर शहर शाखा की ओर से प्रातः संस्था की पहल पर ‘कृतिसमसाद’ भवन में पठन पाठन, पुस्तक प्रकाशन, विपणन, संरक्षण एवं कॉपीराइट पर चर्चा हुई।
साहित्यकार बिमल गुड़िया, कौशिक दासगुप्ता, अचिंत मारिक, अभिनंदन मुखोपाध्याय, समाजसेवी ताराशंकर विश्वास, असीम मुखोपाध्याय, शिक्षक और पार्श्व कलाकार अनिंदिता शाशमल और अन्य ने परिचर्चा में भाग लिया। रवींद्रनाथ के विचार देवलोक से मानवलोक तक काया सेन और अर्नव बेरा द्वारा पढ़ा गया।
पूरे कार्यक्रम का संचालन प्रदीप बोस ने किया। इस अवसर पर अचिंत मारिक द्वारा लिखित बुकलेट ‘द बुक्स ऑन द डे ऑफ द वर्ल्ड बुक डे’ का विमोचन किया गया। आज की चर्चा में ग्रामीण पुस्तकालयों को पुनर्जीवित करने और पाठ्य पुस्तकों के साथ-साथ अन्य विभिन्न पुस्तकों को बचपन से ही पढ़ने की आदत डालने का मुद्दा महत्व के साथ उठाया गया।