बंगाल के राज्यपाल ने किया फोर्ट विलियम का दौरा, शहीदों को अर्पित की श्रद्धांजलि

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा कि सेना की पूर्वी कमान (फोर्ट विलियम) हमेशा युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनी रहेगी। यहां सदा देशभक्ति की लहरें उठती हैं। एक अद्वितीय स्थान जहां वीरता देशभक्ति से मिलती है। भारत की स्वतंत्रता की अदम्य भावना का प्रतीक जिसने इस महान राष्ट्र को पराधीनता से मुक्त किया और यह सुनिश्चित किया कि भारत का झंडा हमेशा ऊंचा रहे। राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने फोर्ट विलियम का दौरा करने के बाद यह बात कही। इस दौरान और उनकी पत्नी श्रीमती एलएस लक्ष्मी भी उनके साथ थीं। यहां पहुंचने पर लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता, जीओसी-इन-सी, पूर्वी कमान ने उनका स्वागत किया जबकि मेजर जनरल एच धर्मराजन, जीओसी बंगाल सब एरिया भी उपस्थित थे।

पूर्वी कमान के बहादुरों को दी श्रद्धांजलि

यात्रा की शुरुआत एक पुष्पांजलि समारोह के साथ हुई, जिसमें राज्यपाल ने पूर्वी कमान के बहादुरों को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने कर्तव्य का पालन करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। बाद में राज्यपाल शहीद दीर्घा में भी गए, जहां 1962 के बाद से विभिन्न अभियानों के दौरान पूर्वी कमान में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सभी बहादुरों के नाम पत्थर पर उकेरे गए हैं। पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद, सीवी आनंद बोस ने आशा स्कूल के विशेष छात्रों के साथ बातचीत की, जिन्होंने विजय स्मारक में एक सुंदर समूह गीत प्रस्तुत किया।

मेमोरियल विजिटर बुक पर किए हस्ताक्षर

राज्यपाल ने मेमोरियल विजिटर बुक पर हस्ताक्षर किए, जहां उन्होंने उल्लेख किया, एक अद्वितीय स्थान जहां वीरता देशभक्ति से मिलती है। भारत की स्वतंत्रता की अदम्य भावना का प्रतीक जिसने इस महान राष्ट्र को पराधीनता से मुक्त किया और यह सुनिश्चित किया कि भारत का झंडा हमेशा ऊंचा रहे। सेना के प्रवक्ता ने बताया कि यात्रा की शुरुआत डलहौजी बैरक में नेताजी सेल के दौरे के साथ हुई, जहां महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस को वर्ष 1940 में कैद किया गया था।

ऐतिहासिक संग्रहालय का किया भ्रमण

राज्यपाल ने पूर्वी कमान के संग्रहालय का भी भ्रमण किया। इसमें 1971 के मुक्ति संग्राम से पाकिस्तानी सेना के आत्मसमर्पण के उपकरण सहित कई ऐतिहासिक कलाकृतियां हैं। राज्यपाल को एतिहासिक कमांड लाइब्रेरी दिखाई गई, जो पहले सेंट पीटर्स एंग्लिकन चर्च हुआ करती थी। हेरिटेज बिल्डिंग 199 साल पुरानी है। राज्यपाल, जिन्होंने स्वयं 50 पुस्तकें लिखी हैं, सुव्यवस्थित पुस्तकालय को देखकर प्रसन्न हुए और उनके द्वारा लिखित पांच हस्ताक्षरित पुस्तकें भेंट कीं। राज्यपाल अंत में न्यू कमांड बिल्डिंग गए, जहां सीवी आनंद बोस को लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता, सेना कमांडर पूर्वी कमान ने स्मृति चिन्ह प्रदान किया।

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