किसानों ने कोल्ड स्टोरेज में लगाई आग
जवाब में पुलिस ने जमकर चटकाई लाठियां
जलपाईगुड़ी। कोल्ड स्टोरेज में आलू रखने के लिए बॉंड को लेकर जलपाईगुड़ी रणक्षेत्र में तब्दील हो गया। भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े साथ ही पुलिस ने लाठी चार्ज भी किया है।विशाल पुलिस बल के मौके से निकलते ही कोल्ड स्टोरेज में आग लग लगा दी गई। जब पुलिस मालिक पक्ष को साथ लेकर वहां से जाने लगी तो आक्रोशित किसानों ने मालिक अधिकारियों को घेर कर विरोध जताया और हाथापाई शुरू हो गयी। जब पुलिस चली गई व इलाका खाली हो गया तो आक्रोशित किसानों ने कोल्ड स्टोरेज परिसर में तोड़फोड़ की और उसमें आग लगा दी।
जलपाईगुड़ी सदर प्रखंड के बहादुर ग्राम पंचायत अंतर्गत गरालबाड़ी क्षेत्र के गंगा हिमघर में शुक्रवार सुबह से ही क्षेत्र के हजारों की संख्या में किसान व तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ता आलू रखने का बांड लेने के लिए एकत्रित हो गए। इस घटना में शुरुआत में एक महिला समेत कई लोग घायल हो गए। बाद में दोपहर में स्थिति बिगड़ने पर अतिरिक्त पुलिस बल आलू का बांड लेने आए आक्रोशित किसानों को तितर-बितर करने के लिए मौके पर पहुंच गया।
किसान अनवर अली ने कहा, मैं सुबह से लाइन में खड़े था लेकिन बाद में आने वाले लोग बॉंड पाने के लिए आगे आने की कोशिश करने लगे। तभी हंगामा शुरू हो गया। पुलिस ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया। लेकिन पुलिस के जाते ही गंगा कोल्ड स्टोरेज के गेट के सामने उत्तेजित लोगों के एक समूह ने आग लगा कर विरोध शुरू कर दिया। पुलिस अधीक्षक विश्वजीत महतो ने बताया कि हालात के मुताबिक उन्हें लाठी चार्ज करने के लिए मजबूर किया गया। आंसू गैस के गोले भी चलाये गये, फिलहाल इलाके में स्थिति शांत है।
प्रति पंचायत को मात्र 8 गाड़ी आलू बांड, बीडीओ के पास पहुंचे ग्रामीण प्रतिनिधि
जलपाईगुड़ी। सदर प्रखंड में आलू को कोल्ड स्टोरेज में रखने को लेकर अशांती शुरू हो चुकी है। मोहित नगर स्थित कोल्ड स्टोरेज में शुक्रवार की सुबह से ही भारी अशांति देखी जा रही है, भीड़ व धक्कामुक्की में कई लोग घायल हो गये हैं। बाद में जलपाईगुड़ी अरविंद ग्राम पंचायत के सदस्यों ने कम बांड मिलने की शिकायत लेकर सदर बीडीओ के पास पहुंचे।
इस संदर्भ में अरविन्द ग्राम पंचायत के सदस्य राजेश मंडल ने कहा कि जिस दर से आलू को कोल्ड स्टोरेज में रखने के बांड बांटे गए हैं, प्रत्येक पंचायत के लिए केवल 8 गाड़ी आलू रखने पर बांड दिया गया है, यह संख्या इतने बड़े क्षेत्र में सैकड़ों किसानों के आलू रखने के लिए बिल्कुल नगण्य है।