हरदोई, यूपी। पाञ्चजन्य काव्यप्रसून परिवार द्वारा आयोजित, ग्राम भरखनी हरदोई में भव्य एवं विराट कवि सम्मेलन जिसके अंतर्गत नित्यानन्द वाजपेयी उपमन्यु द्वारा लिखी पुस्तकत्रय का भव्य विमोचन हुआ, कार्यक्रम में मुख्य अतिथि की भूमिका कु. मानवेन्द्र प्रताप सिंह ‘रानू’ क्षेत्रीय विधायक सवायजपुर, हरदोई (उ.प्र.) एवं विशिष्ट अतिथि की भूमिका में ब्लाक प्रमुख कु. धीरेंद्र प्रताप सिंह ‘सेनानी’ जी उपास्थि रहे, कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ ग़ज़लकार उस्ताद शायर विनय सागर जयसवाल बरेली ने की। मंच संचालक कवि सतीश गुप्ता ‘मधुप’ मैनपुरी द्वारा किया गया।
कार्यक्रम ओज के हस्ताक्षर मनोज कुमार चौहान, मैनपुरी, पवन शंखधार बदायूँ , शैलेन्द्र मिश्र बदायूँ, सुनील शर्मा बदायूँ, कवयित्री सत्यवती सिंह सत्या बरेली, सबरस मुरसानी, रुबिया ख़ान हाथरस, गणेश विद्यार्थी, गज़लराज बरेली, सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’ मुरादाबाद, दिनेश अवस्थी फतेहगढ़, सत्यपाल सिंह सोमवंशी ‘प्रगल्भ’ फर्रूखाबाद, हिमांशु श्रोत्रिय ‘निष्पक्ष’ बरेली, दिल्ली से राजकुमार प्रतापगढ़िया। सभी कवियों ने बेहतरीन काव्य पाठ किया। नित्यानन्द वाजपेयी ‘उपमन्यु’ की ग़ज़ल का यह शेर बहुत पसंद किया गया —
तुम्हारा यूँ ग़मगुसार होना कोई सुनेगा तो क्या कहेगा।
ख़जूर का छायादार होना कोई सुनेगा तो क्या कहेगा।
सभी कवियों एवं प्राज्ञाओं ने मंच की शोभा गजलों, गीतों, मुक्तकों एवं ओज की कविताओं से कवि सम्मेलन को अतुलनीय उचाईयां प्रदान की और हिंदी कवि-सम्मेलन की परंपरा के अनुकूल वातावरण बनाते हुए काव्य सभा में चार चाँद लगा दिए! कवि सम्मेलन ने सफलता के मानकों से भी एक क़दम आगे लिया और ऐतिहासिक मिसाल प्रस्तुत की।