कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज सोमवार को दो दिवसीय दौरे पर जिला सफर पर जा रही हैं। उनके पहले दिन का कार्यक्रम बीरभूम जिले में है जिसमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के स्वागत में कई बैनर पोस्टर और गेट बनाए गए हैं। प्रत्येक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ अभिषेक बनर्जी, मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा और जिला तृणमूल उपाध्यक्ष विकास राय चौधरी की तस्वीर लगी है लेकिन उसमें अणुव्रत मंडल नहीं हैं। माना जा रहा है कि कोर्ट में बार-बार अणुव्रत को प्रभावशाली बताकर उनकी जमानत रोकने की कोशिश केंद्रीय एजेंसियों की ओर से हो रही है।
उसी पर विराम लगाने की रणनीति के तहत पार्टी ने ऐसा निर्णय लिया है। मवेशी तस्करी मामले में गिरफ्तारी के बाद से अणुव्रत मंडल आसनसोल सेंट्रल जेल में बंद हैं। जब भी उन की ओर से जमानत की याचिका कोर्ट में लगाई जाती है तब केंद्रीय एजेंसियां उन्हें प्रभावशाली नेता करार देते हुए उनकी जमानत का विरोध करती हैं। पिछले साल मार्च महीने में जब बीरभूम नरसंहार की घटना हुई थी।
तब ममता बनर्जी बीरभूम आई थीं और उस वारदात को लेकर विवादित बयान देने के बावजूद अणुव्रत मंडल को वह अपनी गाड़ी में अपने साथ बैठा कर ले गई थीं। उसके बाद अब वह आ रही हैं और अणुव्रत मंडल जेल में हैं। सूत्रों ने बताया है कि आज शाम को पार्टी नेताओं के साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बैठक है। इसमें जिले के सभी बड़े नेताओं को बुलाया गया है।
उसके बाद 31 जनवरी को वह बोलपुर से मालदा के लिए रवाना हो जाएंगी। वहां प्रशासन बैठक वाली है। ऐसा पहली बार है जब तृणमूल कांग्रेस के वर्चस्व के बाद बीरभूम के किसी बड़े प्रशासनिक और राजनीतिक कार्यक्रम के पोस्टर से अणुव्रत मंडल गायब हैं।
भाजपा का तंज
तृणमूल कांग्रेस के इस कदम पर भाजपा ने तंज कसा है। पार्टी के जिला अध्यक्ष सन्यासी चरण मंडल ने कहा है कि ममता बनर्जी समेत उनकी पार्टी के बड़े नेताओं ने अणुव्रत मंडल को वीर की संज्ञा दी थी लेकिन आज केंद्रीय एजेंसियों का भय ऐसा है कि उनसे दूरी बनाकर चल रहे हैं। आखिरकार अणुव्रत को पार्टी से हटाने की तैयारी में तृणमूल है। इसे कहते हैं दहशत।