मेष Aries (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
शुभ रंग गुलाबी,
शुभ अंक 1 व 8,
शुभ धातु तांबा,
शुभ रत्न मूंगा व पीला पुखराज,
शुभ दिन मंगलवार (रवि, सोम, गुरु),
इष्ट हनुमान जी, हनुमान चालीसा का पाठ विशेषफलप्रद।
शुभमास : वैशाख, ज्येष्ठ, चैत्र,
सामान्य मास : श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, मार्गशीर्ष, पौष।
मध्यम मास : फाल्गुन
अशुभ मास : आषाढ़, कार्तिक, माघ हैं।
मित्र राशि : सिंह, तुला, धनु,
शत्रु राशि : मिथुन, कन्या,
व्यक्तित्व : दबंग, क्रोध युक्त व साहसी।
सकारात्मक तथ्य कुटुम्ब को पालने वाला, चुनौती को स्वीकारने वाला, सदैव क्रियाशील।
नकारात्मक तथ्य : दम्भी, अधैर्यशाली
मेष राशि : स्वभाववश गर्म प्रवृत्ति की राशि है इसका स्वामी मंगल है। मेष राशि जातको में आत्मविश्वास काफी रहता है। विचारों में आवेश, क्रोध रहता है। स्वयं के निर्णय कार्यप्रणाली भिन्न होती है काफी समझदारी शुरू में रखते हैं। सहजता से किसी से विवाद, टकराहट नहीं लेते। दूसरों को अधिकतर इसी का विरोध बना रहता है। कौन-सा कार्य, निर्णय कैसे, कब करना इसका बखूबी अंदाज हमेशा रहता है। किन्हीं मामलों में दूसरे स्वार्थवश आपसे मैत्री रखते हैं। जीवन में भावना, भावुकता में धोखा, अविश्वास मिलता है। स्वयं की गलती का अहसास करते हैं। पश्चाताप कर लेते हैं। मन ही मन में परेशान भी होते हैं दूसरों की गलती में उसे क्षमा करना मानसिकता में असंभव रह पाना है। योजनाओं में कार्यकुशलता, कर्तव्यपरायणता, समझदारी रखते हैं।
एकदम से नई स्थिति, विचारों को आत्मसात नहीं करते। आपको समझना आसान नहीं रहता। स्वयं की व्यवहार कुशलता श्रेष्ठ रखते हैं। दूसरों से उतनी अच्छाई नहीं मिलती। सभी मामलों में भागदौड़, परिश्रम काफी करना होता है। एक न एक तकलीफ बनी रहती है। पारिवारिक मामले भावनात्मक प्रेम-प्रसंग में समझौते से कष्ट होता है। वैचारिक तनाव, घबराहट कामकाज अनुकूल होने के बाद भी बनी रहती है स्वयं के प्रभाव-प्रतिष्ठा का ध्यान रखते हैं। परिवार के प्रति जवाबदारी अपना कर्तव्य रहता है। शांति को प्राथमिकता देते हैं जिस कारण सभी की बात सुनते हैं। सबको महत्व देते हैं। स्वयं कष्ट परिश्रम उठाते हैं। दूसरों के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। वास्तविकता-सत्यता-कठोरता-संघर्ष को सहजता स्वीकार करते हैं।
वर्षारम्भ से 30 अक्टूबर तक इस राशि पर राहु का संचार तथा 17 जनवरी से वर्षान्त तक शनि की नीच दृष्टि रहने से बनते काम में अड़चनें, घरेलु उलझनें तथा स्वास्थ्य कष्ट रहे। परन्तु 22 अप्रैल से वर्षान्त तक गुरु का संचार इस राशि पर होने से बीच-बीच में शुभ फल भी प्राप्त होते रहेंगे। ता. 14 अप्रैल से 14 मई तक सूर्य के इस राशि पर उच्चस्थिति में संचार करने से अकस्मात् धन लाभ के सुयोग के साथ-साथ आकस्मिक खर्च भी अधिक रहेंगे। ता. 30 अक्टूबर से इस राशि पर से राहु की स्थिति भी हट जाने से बिगड़े कार्यों में सुधार होगा।
कुल मिला कर इस वर्ष व्यावसायिक स्तर, साहस, निवेश उत्तम रहेगा। कामकाज का विस्तार होगा। आर्थिक आमदनी, लाभ विशेष होगा। तात्कालिक अवसर भी काफी मिलेंगे। कार्यक्षेत्र में अपनी साख नाम रहेगा। काफी समय का परिवर्तन संबंधी सोच, योजना कार्यान्वित होगी। दुकान-स्थान का लाभ मिलेगा। कर्ज, लेन-देन कम होगा। साथ ही उसी अनुपात में संपत्ति-निवेश में उपयोग होगा। प्रयास, अनायास सफल होंगे। एक से एक स्थितियां अवसर, परिचय, मित्रता जुड़ती रहेंगी। परिश्रम, भागदौड़ कम नहीं रहेगा। आर्थिक योग सभी दृष्टि से बेहतर ही रहेंगे। अपनी स्थिति, आमदनी, अनुरूप मकान, जमीन, कर्ज लेन-देन संभव रहेगा।
मानसिक, वैचारिक शकुन, संतोष मिलेगा। विद्यार्थियों को सफलता मिलेगी। उद्देश्यपूर्ण सोच रखें। मेहनत, परिश्रम, एकाग्रता जो भी आवश्यक हो बराबर रखें। प्रतिस्पर्धा, कॅरियर, क्षेत्र विशेष में उन्नति होगी। समय का शांति, संयम, मेहनत से उपयोग करें। महिलाओं के लिए भी वर्ष उत्तम। पारिवारिक, सामाजिक क्षेत्र में प्रभाव प्रसन्नता रहेगी। कार्यक्षेत्र में पूछ-परख बढ़ेगी। अपनी योजना, तर्क, सोच, दृष्टि का लाभ मिलेगा। बेहतर व सफल साबित होंगे। पारिवारिक चिंता, स्थायित्व के प्रयास सफल होंगे। जिनके व जिसके लिए कुल मिलाकर जीवन में संघर्ष करते हैं उनकी प्रसन्नता, सुखद अनुभव मिलेंगे।
उपाय : 1. गौओं को जौं, गेहूँ एवं उड़द के आटे से बनी चापातियाँ शक्कर सहित हर शनिवार एवं बुधवार को खिलाएँ।
2. हर मंगलवार का व्रत विधि-विधानपूर्वक रखें। प्रातः एवं सायं को श्रीहनुमान चालीसा का पाठ करना, हनुमान जी की मूर्ति पर सिंधूर व तेल चढ़ाकर प्रसाद बाँटना शुभ होगा। मंगलवार व्रत कथा पढ़ें।
3.शिवजी आराधना करें। मानसिक, योग, क्रिया करें। एकाग्रता, धर्मग्रंथ का अनुसरण हितकर रहेगा।
मासिक राशिफल 2023
जनवरी : इस राशि पर राहु का संचार तथा तारीख 17 से शनि को नीच दृष्टि रहने से बनते कार्यों में अड़चनें, घरेलु उलझनें तथा स्वास्थ्य कष्ट रहे। धन का अपव्यय एवं गुप्त चिन्ताएं भी रहेंगी। परन्तु मंगल द्वितीयस्थ होने से भाग्यवश गुजारेलायक आय होती रहेगी।
फरवरी : स्वास्थ्य कष्ट, मानसिक तनाव, धन का अपव्यय अथवा हानि होने की आशंका है। निकट बन्धुओं से मन-मुटाव होने का भय है। गृह कलह के कारण उलझनें बढ़ेंगी। नजदीकी मित्रों द्वारा परायों जैसा व्यवहार होने के कारण मन विक्षुब्ध होगा।
मार्च : राहु लग्नस्थ तथा शनि की दृष्टि के कारण स्वभाव में उत्तेजना, अधिक क्रोध और व्यर्थ की भागदौड़ रहेगी। व्यवसाय या नौकरी में उलझनों का सामना रहेगा। संघर्ष करने पर भी विशेष धन लाभ नहीं हो पाएगा। ता. 13 से मंगल तृतीयस्थ होने से बिगड़े कामों में कुछ सुधार होगा।
अप्रैल : मंगल तृतीयस्थ होने से भूमि, जायदाद एवं वाहनादि पर खर्च अधिक होगा। ता. 14 से सूर्य इस राशि पर उच्चस्थ होकर संचार करने से कार्य व्यवसाय में व्यस्तताएँ बढ़ेंगी। प्रयास करने पर धन प्राप्ति के साधन बनेंगे।
मई : इस राशि सूर्य-गुरु-राहु योग ता. 14 तक रहने से पराक्रम और पुरुषार्थ में वृद्धि होगी। नए-नए मित्रों एवं श्रेष्ठ लोगों के साथ सम्पर्क बनेंगे ता. 10 से मंगल नीच (कर्क) राशि में रहने से घरेलु सुखों में कमी व अशान्ति व्याप्त रहेगी।
जून : नीचराशिगत मंगल का शनि के साथ दृष्टि सम्बन्ध होने से मानसिक तनाव, शरीर कष्ट, उदर विकार से परेशानी होगी उलझनें व समस्याएं उभरती व सिमटती रहेंगी। समय अनुकूल नहीं है। किसी से व्यर्थ का वाद-विवाद न करें।
जुलाई : मासारम्भ से ही मंगल सिंह राशि (पाँचवें) में संचार करेगा। ‘मंगल-शनि का समसप्तक योग रहने से दौड़-धूप अधिक रहेगी। आय के साधनों में विघ्न-बाधाएँ, खर्च भी बढ़-चढ़ कर अधिक होंगे। निकटस्थ भाई-बन्धुओं के साथ मन-मुटाव एवं वैमनस्य पैदा होने का भय है।
अगस्त : कार्य व्यवसाय की स्थिति अभी अनिश्चित रहेगी। अत्यधिक परिश्रम एवं भागदौड़ करने पर भी विशेष धन लाभ नहीं हो पाएगा। ता. 18 से मंगल षष्ठस्थ रहने के बावजूद उत्साह एवं सौभाग्य में वृद्धि होगी।
उपाय : ‘पुरुषोत्तम-महात्म्य’ का ता. 16 तक नित्य पाठ करें।
सितम्बर : लग्न में गुरु-राहु की स्थिति तथा मंगल की दृष्टि रहने से मान-सम्मान एवं प्रतिष्ठा में वृद्धि, उच्च-प्रतिष्ठत लोगों के साथ सम्पर्क बनेंगे। दाम्पत्य-जीवन में उत्साह, सहयोग तथा सुख-साधनों की अधिकता रहे। समय वाद-विवाद में नष्ट न करे अन्यथा हानि का भय है।
अक्तूबर : मंगल की स्वगृही दृष्टि होने से हालात में कुछ सुधार होगा। बिगड़े काम बनेंगे तथा धन प्राप्ति के कुछ साधन बनेंगे। पारिवारिक वातावरण मनोऽनुकूल सुख प्रदान करेगा। दूरस्थ स्थल की यात्रा भी होगी।
उपाय : तारीख 17 से ‘कार्तिक माहात्म्य’ का पाठ करें।
नवम्बर : तारीख 15 तक पुरुषार्थ एवं परिश्रम से विशेष कार्य में सफलता के आसार बढ़ेंगे। घरेलू काम निपटाने की व्यग्रता एवं परेशानी रहेगी। ता. 16 से मंगल अष्टमस्थ होने से स्वास्थ्य कष्ट, घरेलु उलझनें तथा बनते कामों में अड़चनें रहेंगी। मंगल स्वराशिगत होने से कठिन परिस्थितियों के बावजूद निर्वाह योग्य आय के साधन बनते रहेंगे।
दिसम्बर : गुरु इसी राशि में होने से कुछ रुके हुए महत्त्वपूर्ण कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। धर्म-कर्म की ओर रूचि बढ़ेगी। विशेष अवसरों और उत्सवों में जाने से मान-सम्मन में वृद्धि होगी, परन्तु किसी विशेष व्यक्ति के कारण मानसिक तनाव होगा।
ज्योतिर्विद वास्तु दैवज्ञ
पंडित मनोज कृष्ण शास्त्री
मो. 9993874848