कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर पूर्व में तृणमूल कांग्रेस के एक स्थानीय नेता के आवास पर हुए विस्फोट मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की। मिदनापुर जिले के भूपतिनगर में शुक्रवार की रात हुए विस्फोट में तीन लोगों की मौत हो गई। विस्फोट शुभेंदु के पैतृक आवास के पास हुआ। शुभेंदु ने अपने पत्र में दावा किया है कि शुक्रवार की रात हुए विस्फोट के बाद स्थानीय पुलिस द्वारा साक्ष्य नष्ट करने के प्रयास भी किए गए हैं, ताकि विस्फोट के पीछे का वास्तविक रहस्य कभी सामने न आए।
शुभेंदु ने पत्र में लिखा, “विस्फोट के एक दिन बाद भी पुलिस ने उस स्थान की घेराबंदी नहीं की, जहां घटना हुई थी और फोरेंसिक जांच से पहले इसे सुरक्षित करने में विफल रही। इरादा जानबूझकर सबूतों से छेड़छाड़ करना था।”भाजपा नेता ने यह भी आरोप लगाया कि विस्फोट उस समय हुआ, जब तृणमूल कार्यकर्ता पार्टी के बूथ अध्यक्ष राजकुमार मन्ना के घर पर देशी बम बना रहे थे, जो दो अन्य लोगों के साथ विस्फोट में मारे गए।
उन्होंने कहा कि हालांकि विस्फोट में मरने वालों की आधिकारिक संख्या तीन है, स्थानीय लोगों को संदेह है कि विस्फोट में कुछ और लोग मारे गए हैं। अधिकारी ने पत्र में कहा है, “पश्चिम बंगाल कच्चे बम उद्योग का केंद्र बन गया है। पिछले कुछ हफ्तों में राज्यभर से कच्चे बम विस्फोट की कई घटनाएं सामने आई हैं और यहां तक कि इन विस्फोटों में बच्चों की मौत हुई है या घायल हुए हैं।”
भाजपा नेता ने बताया कि हाल ही में तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ लोकसभा सदस्य सौगत रॉय ने उस फॉर्मूले के बारे में बात की थी, जिसका इस्तेमाल पूरे पश्चिम बंगाल में क्रूड बम बनाने के लिए किया जा रहा है। रविवार को मिदनापुर विस्फोट की घटना ने एक नया मोड़ ले लिया, जब मृत तृणमूल कार्यकर्ता राजकुमार मन्ना की पत्नी लता रानी मन्ना ने पुलिस को बताया कि उनके पति अवैध पटाखों के कारोबार में शामिल थे और विस्फोट उस समय हुआ, जब पटाखा कारखाने के कर्मचारी काम कर रहे थे और वहां धूम्रपान हो रहा था।