Rishi Sunak

सुनक करेंगे कॉप 27 में स्वच्छता वृद्धि का आह्वान

काहिरा। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक मिस्र में होने वाले कॉप 27 अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में विश्व नेताओं को बताएंगे कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई ‘नई नौकरियों और स्वच्छ विकास के लिए एक वैश्विक अभियान’ बन सकती है।
सुनक की बतौर प्रधानमंत्री यह पहली विदेश यात्रा है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, सुनक एक वर्ष पूर्व ग्लासगो में कॉप 26 में की गयी प्रतिबद्धताओं पर कायम रहने के लिए देशों से आग्रह कर सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन प्रमुख ने कहा कि वैश्विक तापमान वृद्धि को सीमित करने का एक प्रमुख उद्देश्य अभी भी पहुंच के भीतर है।

सुनक ने विपक्षी सांसदों और प्रचारकों के विरोध के बाद अपने फैसले कॉप 27 में शामिल न होने के फैसले को उलट दिया और रविवार रात शर्म अल-शेख पहुंचे। बीबीसी ने बताया कि सुनक संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन में अन्य विश्व नेताओं के साथ शामिल होंगे जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भी है। वह विकासशील देशों में वनों की रक्षा और हरित प्रौद्योगिकियों के लिए 20 करोड़ पाउंड से अधिक के वित्त पोषण का अनावरण करेंगे।

सुनक ने शुरुआत में कॉप 27 निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया था क्योंकि उन्होंने कहा कि वह नवंबर का बजट तैयार करने में बहुत व्यस्त थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि सोमवार को अपने उद्घाटन भाषण में सूनक वैश्विक नेताओं से आगे अधिक तेजी से बढ़ने का आग्रह करेंगे, जिससे ग्लोबल वार्मिंग को पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करके जलवायु परिवर्तन के सबसे बुरे प्रभाव से बचा जा सकेगा।

वह भाषण में कहेंगे कि यूक्रेन पर रूस के हमले ने जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को समाप्त करने के महत्व को मजबूत किया है, लेकिन यह तर्क दिया जाएगा की इस कदम से नए हरित उद्योगों को बढ़ावा मिल सकता है। इस दौरान सुनक फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों से भी मुलाकात करेंगे जिसमें इंग्लिश चैनल (समुद्री रास्ते) के जरिए आने वाले प्रवासियों के मुद्दे को उठाए जाने की संभावना है। डाउनिंग स्ट्रीट ने कहा कि स्वच्छ ऊर्जा नवाचार सुविधा के लिए सुनक 6.55 करोड़ पाउंड की घोषणा करेगें।

जो स्वच्छ प्रौद्योगिकियों पर काम कर रहे विकासशील देशों यानि भारत में बायोमास-संचालित रेफ्रिजरेशन से लेकर नाइजीरिया में लिथियम-आयन बैटरी तक शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों को अनुदान प्रदान करेगा। इसमें कहा गया कि ब्रिटेन कांगो बेसिन वर्षावन में संरक्षण के लिए नौ करोड़ पाउंड और स्वदेशी और स्थानीय समुदायों का समर्थन करने के लिए 6.5 करोड़ पाउंड प्रदान किए जाएंगे।

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