।।झट पट दिए निकालो बच्चों, आया दीपों का त्योहार।।
चिड़ियाँ चहक रहीं उपवन में
घर घर में रौनक आयी।
मौसम अब हुआ सुहावना,
चहुंदिश हरियाली छायी।
पेड़ पर कोयल कूक रही,
जैसे आई बसन्त बहार।
झट पट दिए निकालो बच्चों
आया दीपों का त्योहार ।।1।।
गरमी को अब टाटा कह दो,
सर्दी को सब पहचानों।
गर्माहट के अब पहनो कपड़े,
बात पते की मानो।
यदि न मानी बात हमारी,
हो जाओगे तुम बीमार।
झट पट दिए निकालो बच्चों
आया दीपों का त्योहार ।।2।।
मम्मी लीप रहीं घर आंगन,
सुंदर प्यारे फूल बनातीं,
रंग बिरंगी लंबी लंबी,
झालर रमा लगाती।
पापा लेंगें खूब मिठाई,
और आज फूल भरमार।
झट पट दिए निकालो बच्चों
आया दीपों का त्योहार ।।3।।
दीवाली के इस उत्सव में,
मिलकर दिए जलाएँगे।
धूम धड़ाका खूब करेंगें
चकरी खूब चलाएँगे।
फिर खाएंगें खूब मिठाई,
करें सभी से प्यार।
झट पट दिए निकालो बच्चों
आया दीपों का त्योहार।
डॉ. कमलेंद्र कुमार श्रीवास्तव
रॉव गंज, कालपी
जिला जालौन
उत्तरप्रदेश- 285204